राजस्थान में मानसून की उदासी, प्रदेश के दो दर्जन जिलों में सूखे के हालात

Smart News Team, Last updated: Thu, 6th Aug 2020, 12:42 AM IST
  • राजस्थान में भादों का महीना शुरू हो गया है लेकिन प्रदेश के 22 बड़े बांधों में 50 फीसदी पानी ही मौजूद है, जिससे चिंता पैदा हो गई है।
मानसून

कहते है कि पूरा मानसून ही सावन के महीने में आता है। और इसी महीने में इंद्रदेव की जमकर मेहरबानी से बारिश होती है। लेकिन इस बार ऐसा नज़ारा देखने को नहीं मिल रहा है। राजस्थान में भादों का महीना शुरू हो गया है लेकिन प्रदेश के 22 बड़े बांधों में 50 फीसदी पानी ही मौजूद है, जिससे चिंता पैदा हो गई है।

राजस्थान में इस बार मानसून प्रदेशवासियों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। ना ही पिछले साल जैसा सावन इस बार झूमकर बरसा है। प्रदेश में सावन का महीना बीत गया है और भादों का महीना शुरू हो गया है लेकिन इस बार मानसून उम्मीदाें के मुताबिक नहीं बरसा। राज्य में अब तक सामान्य की तुलना में 82 मिमी कम बारिश हुई है।

 इस मानसून में बांधाें के हालात पर नजर डालें ताे बीते साल मानसून अच्छा रहने से प्रदेश में ज्यादातर बड़े बांधों की स्थिति बेहतर है औैर यदि अभी भी अगस्त में जमकर बारिश हाेती है ताे भी कई बांध ओवरफ्लाे हाेने की संभावना है।राज्य के 22 बड़े बांध जिनमें कुल क्षमता 8104.656 एम क्यूएम का 4436.939 एम क्यूएम यानी 54.51 फीसदी पानी फिलहाल शेष है।

 बीते साल 4 अगस्त तक 315.96 मिमी बारिश हाे चुकी थी तब बांधाें में केवल 4157.861 एम क्यूएम पानी था लेकिन अगस्त-सितम्बर में भी लगातार जमकर बारिश हाेने से ज्यादातर बांंध ओवरफ्लाे हाे गए थे। प्रदेश के भरतपुर, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जालाैर, जाेधपुर, कराैली, नागाैर, राजसमंद, सीकर में औसत से भी कम बारिश हुई है साथ ही अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्ताैडगढ़, दाैसा, धाैलपुर, डूंगरपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, काेटा, पाली, प्रतापगढ़, स. माधाेपुर, सिराेही, टाेंक में सूखे के हालात है।

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