Sakat Chauth 2022: सकट चौथ पर जयपुर उदयपुर जोधपुर कोटा भोपाल इंदौर में चंद्रोदय का समय
- माघ मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ने वाले व्रत को सकट चौथ व्रत के नाम से जाना जाता है. इस बार ये त्योहार 21 जनवरी को मनाया जाएगा. इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है. आइये जानते हैं राजस्थान और मध्य प्रदेश में आपके शहर में चांद कितने बजे दिखेगा.

सकट चौथ का व्रत और पूजन का काफी महत्व होता है. इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल माघ मास के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली चतुर्थी तिथि को सकट चौथ मनाया जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार सकट चौथ का व्रत और पूजन माताएं अपने संतान की दीर्घायु और उनकी जीवन में कष्टों व बाधाओं को दूर करने की कामना से यह व्रत करती है. इसे वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ और तिलकुटा चौथ के नाम से भी जाना जाता है.
इस दिन सुबह और शाम दोनों पहर भगवान गणेश की पूजा की जाती है और फिर रात्रि में चंद्रोदय के बाद चांद को अर्घ्य देने के बाद पारण किया जाता है. इसलिए सकट चौथ में चंद्रमा पूजन का भी महत्व होता है. भगवान श्री गणेश का पूजन करने के बाद चंद्रमा निकलने पर उसे अर्घ्य दिया जाता है. चंद्र देव से घर-परिवार और संतान के सुख-शांति की प्रार्थना कर व्रत का पारण किया जाता है. चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही सकट चौथ का व्रत पूरा होता है.
Sakat Chauth 2022: सकट चौथ पर पटना मुजफ्फरपुर गया भागलपुर रांची बोकारो में चंद्रोदय सम
सकट चौथ पर चंद्रोदय समय
जयपुर- रात्रि 09:07 बजे
भोपाल- रात्रि 09:05 बजे
कोटा- रात्रि 09:33 बजे
इंदौर- रात्रि 09:11 बजे
उदयपुर- रात्रि 09:19 बजे
सकट चौथ व्रत का महत्व-
कहा जाता है कि माघ मास के पावन महीने में पड़ने वाले सकट चौथ पर भगवान श्री गणेश की पूजा और व्रत करने से भक्तों को सुख-समृद्ध का आशीर्वाद मिलता है और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है. सकट चौथ का व्रत खासतौर पर संतान की दीर्घायु के लिए किया जाता है. लेकिन अगर निःसंतान दंपत्ति भी इस व्रत कों करें तो उन्हें भगवान की कृपा से शीघ्र संतान सुख की प्राप्ति होती है.
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