कानपुर में ब्लैक फंगस जैसे लक्षण के बाद हैलट अस्पताल में एक युवक भर्ती
- कोरोना से ठीक हुए एक 30 साल के युवक में ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिखने के बाद उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुष्टि के लिए माइक्रोस्कोपिक जांच और एमआरआई जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं.

कानपुर: एक तरफ जहां तमाम लोग कोरोना वायरस से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कोविड से उबर चुके लोगों में अब ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आ रहे हैं. कोरोना से ठीक हुए एक 30 साल के युवक में ब्लैक फंगस जैसे लक्षण दिखने के बाद उसे हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ब्लैक फंगस की पुष्टि के लिए माइक्रोस्कोपिक जांच और एमआरआई जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं.
शुक्रवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आर बी कमल ने सभी विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की. इसमें ब्लैक फंगस की जांच से लेकर इलाज तक हर पहलू पर चर्चा की गई. बैठक में पहले ब्लैक फंगस की जांच के लिए बायोप्सी पर चर्चा हुई लेकिन इसपर सहमति नहीं बन सकी.
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प्राचार्य प्रो. आर बी कमल के मुताबिक मेडिसिन, ईएनटी, नेत्र रोग, माइक्रोबायोलॉजी और रेडियोडायग्नोस्टिक विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. किसी मरीज में ब्लैक फंगस जैसे लक्षण सामने आने पर पहले एमआरआई जांच कराई जाए, फिर नेज़ल स्वाब लेकर उसे माइक्रोस्कोपिक जांच के लिए भेजा जाए. उन्होंने कहा कि पुष्टि होने के बाद रिपोर्ट जारी होगी.
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प्राचार्य प्रो. आर बी कमल ने जानकारी देते हुए कहा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एंटी फंगल इंजेक्शन मंगाए गए हैं. लोकल स्तर से ही आरसी के जरिए 100 वॉयल का ऑर्डर दिया गया है. जल्द ही ये इंजेक्शन अस्पताल में उपलब्ध हो जाएंगे.
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