यूपी में जल्द लागू होंगे चार नए श्रम कानून, महिलाएं भी कर सकेंगी नाइट शिफ्ट

Smart News Team, Last updated: Thu, 22nd Oct 2020, 10:34 AM IST
  • श्रम कानूनों में बदलाव होने के साथ ही सूबे में चार नए श्रम कानून बनाने जा रहा है. इसके तहत अब महिलाओं को भी नाइट शिफ्ट करने की जिम्मेदारी मिल सकेगी.
यूपी में जल्द लागू होंगे चार नए श्रम कानून, महिलाएं भी कर सकेंगी नाइट शिफ्ट

कानपुर: राजेश द्विवेदी. उत्तर प्रदेश में अब महिलाएं रात की शिफ्ट में भी काम कर सकेंगी. गौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक इस पर प्रतिबंध था. नए नियमों के अनुसार जिन संस्थानों या इकाइयों में 30 महिलाएं काम करेंगी, वहां नियोक्ता को क्रेच बनाना होगा. इसमें आया नियुक्त करनी होंगी जहां वर्किंग वूमन स्तनपान करा सकेंगी. महिलाकर्मी को तब तक प्रसूति लाभ का अधिकार नहीं मिलेगा. अगर वह प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व के 12 माह में 80 दिन संबंधित छुट्टी ले चुकी हो.

जानकारी के मुताबिक अब रिटायर होने के बाद कर्मचारियों को यूनियन से हटाया जाएगा. ऐसे में रिटार्यमेंट के बाद भी बरसों तक चलने वाली कर्मचारी यूनियन की नेतागीरी अब बंद होगी. कर्मियों को उकसाने पर नियोक्ता केस दर्ज करा सकेंगे. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में 4 नई श्रम संहिताएं बन रही हैं, इन्हीं के तहत यह प्रावधान हो रहे हैं. 

कोरोना काल में सीएम योगी से आयुर्वेदिक औषधि वितरित करने की सिफारिश

इसके साथ ही चार श्रम संहिताओं को लागू करने के लिए तैयारी शुरु कर दी गई है. इसके लिए सूबे में पहले से प्रभावी 44 श्रम कानूनों में से 15 को खत्म कर दिया गया है. वहीं 29 में संशोधन किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नई संहिताएं अप्रैल से लागू होंगी. नियम बनाने वाली कमेटियों के बीच बीते मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला हुआ. 

यूपी: 2 करोड़ गरीब परिवारों की सेहत की चिंता दूर, सरकारी योजनाओं का मिलेगा फायदा

इस मामले में अपर श्रमायुक्त एसपी शुक्ल का कहना है कि औद्योगिक संबंध संहिता के रूल्स बनाने के लिए आईआर कमेटी की बैठक में मंत्रणा की गई है. शहरों से आए श्रम अफसरों के साथ विभिन्न बिन्दुओं पर विमर्श हुआ है. यह क्रम जारी रहेगा. वहीं  बीएमएस के सदस्य सुखदेव प्रसाद मिश्र ने बताया कि भामसं सिर्फ वेतन संहिता का समर्थन कर रहा है. बाकी तीन संहिताओं का हम विरोध कर रहे हैं. यह फैसला संगठन को मंजूर नहीं है. प्रदेश के करोड़ों श्रमिको के साथ यह धोखा है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें