UP चुनाव से पहले खुलेगी 1984 दंगों की फाइल, 67 लोगों को चिह्नित कर जेल भेजने की तैयारी

Ankul Kaushik, Last updated: Thu, 2nd Dec 2021, 1:37 PM IST
  • साल 1984 के सिख दंगों की फाइल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 से पहले खुलेगी. कानपुर में हुए सिख दंगों के केस में एसआईटी की टीम ने 67 लोगों को चिह्नित कर लिया है और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी हो सकती है.
कानपुर 1984 सिख दंगे (फाइल फोटो)

कानपुर. उत्तर प्रदेश में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव से पहले 1984 के सिख दंगे मामले की फाइल फिर से खोले जाने की तैयारी है. इस केस में एसआईटी की टीम ने 67 लोगों को चिह्नित किया है और इन लोगों की जल्द ही गिरफ्तारी हो सकती है. साल 1984 में कानपुर में हुए सिख दंगों में 127 लोगों की जान गई थी. अब इस केस से जुडे आरोपियों को एसआईटी की टीम कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. एसआईटी की टीम ने इस मामले की फिर से विवेचना करके 11 मामलों में 67 लोहों को चिह्नित किया है. एसआईटी ने इन सभी आरोपियों की लिस्ट प्रशासन को सौंप दी है. इसके साथ ही एसआईटी ने कहा है कि इन लोगों में से 45 लोगों की ही गिरफ्तारी हो सकती हैं क्योंकि इसमें कुछ लोग गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं और कुछ नामचीन लोग और जनप्रतिनिधि हैं.

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने साल 2019 में यूपी के कानपुर में हुए सिख दंगे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था. कानपुर सिख दंगे मामले में करीब 40 केस दर्ज हैं जिसमें से एसआईटी को 11 मामलों के साक्ष्य मिले हैं. साल 1984 में कानपुर में हुई दंगों में 127 सिखों की हत्या हुई थी और उस समय कानपुर नगर में हत्या, लूट और डकैती आदि धाराओं सहित 40 मुकदमे दर्ज किए गए थे. हालांकि पुलिस ने इनमें से 29 मामलों में फाइनल रिपोर्ट लगाई थी.

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इसी साल 2021 में अगस्त महीने में एसआईटी की टीम को एक बंद कमरे से 1984 दंगों के कुछ सबूत मिले थे. इसके बाद एसआईटी ने कहा था कि जिस कमरे में हमने तलाशी ली है, उसकी अब तक सफाई नहीं कराई गई थी. साल 1984 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर में सिख विरोधी दंगे भड़क उठे थे. कानपुर के दंगों के लिए भाजपा सरकार ने इस केस में दर्ज किए गए 1,251 मामलों की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया था.

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