कानपुर में बंधुआ मजदूर के साथ बदसलूकी, मारा-पीटा, कुंए में उल्टा टांगा

Smart News Team, Last updated: Sun, 18th Oct 2020, 2:56 PM IST
  • कानपुर में बंधुआ मजदूर के साथ ऐसी हैवानियत की खबर सामने आई है कि सुनने वाले की रुह कांप जाए. 
अपने साथ हुई हैवानियत की दास्तां बताता बंधुआ मजदूर गुलू

कानपुर: पश्चिम बंगाल से कानपुर आए मजदूर गुलू की दर्दभरी दास्तां सुनकर हर किसी की आंख में आंसू आ गए. मामसू को इतनी कठोर यातनाएं दी गईं जो उसके मन में डर बैठा गईं. डर भी ऐसा कि जब उसे भागने का मौका मिला तो भी न भाग सका. शनिवार को घंटाघर स्टेशन पर मौजूद गुलू अपनी टूटी-फूटी हिंदी में ठीक से यातनाएं भी नहीं बता पा रहा था पर उसके चेहरे पर खौफ और दुख का मंजर साफ देखा जा सकता था. साथ ही खुशी इस बात कि अब वह अपने घर जा रहा है.

दरअसल बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर के बलूरघाट के पास गांव गोपाल बाटी का रहने वाला गुलू मर्डी 31 साल पहले मजदूरी के घर से निकला था. उसे नागपुर की एक सरिया फैक्ट्री में काम मिला. यहां भूपेन्द्र नाम का गार्ड भी काम करता था. भूपेन्द्र ने उसकी मदद की और अपने साथ ही रख लिया. जिसके बाद गुलू काम करता रहा और पैसे भूपेन्द्र के पास जमा कर देता था. करीब सालभर बाद गुलू ने भूपेन्द्र से अपना पैसा मांगा कि उसे घर जाना है. इस पर भूपेन्द्र ने उससे कहा कि पैसा गांव भेज दिया है. वहीं चलकर ले लो. इसके बाद भूपेन्द्र उसे लेकर फतेहपुर आ गया. यहां गुलू ने पैसे मांगे तो उसे पीटना शुरू कर दिया. यही नही जान से मारने की धमकी दी. उसने गुलू को अपना बंधुआ बना लिया.

कानपुर में नाबालिक के साथ खेत में किया गैंगरेप, 24 घंटे में गिरफ्तार हुए आरोपी

अत्याचार की काली दुनिया से निकल चुके गुलू ने बताया कि भूपेन्द्र ने उसे बेरहमी से पीटा और पीटने के बाद उल्टा कुंए में टांग दिया. इसके बाद भूपेन्द्र रोज मारपीट कर गंदी गालियां देता. घर और खेतों पर काम करवाने लगा. गुलू समझ नहीं पा रहा था कि उसके साथ हो क्या रहा है. गुलू के मुताबिक उसने भूपेन्द्र के चंगुल से 3-4 बार भागने का प्रयास किया पर हर बार पकड़ा गया और उसके साथ ही यातनाएं भी बढ़ती गईं.

कानपुर: घर से लापता किशोर का शव अगले दिन रेलवे ट्रैक पर मिला, हत्या की आशंका

कुएं में उल्टा टांगने के बाद रस्सी को झटका देकर पानी में डुबोता और कहता था कि भागने की कोशिश की तो तुम्हारी लाश ही यहां से घर पहुंचेगी. इस दौरान कई बार उसके सिर पर गंभीर चोट मारी गई और इलाज भी नहीं कराया. खाने में नशीला पदार्थ तक खिला देता था जिससे उसकी इंद्रियां काम करना बंद कर देती थीं. जो मेहनत वह करता उसका पैसा तो दूर की बात कई बार ऐसा हुआ कि उसे आधे पेट से भी कम खाना दिया गया. तब वह पानी से पेट भरकर रात में सोता था.

 

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें