कानपुर में प्रियंका गांधी की बैठक से पहले आपस में भिड़े कांग्रेस कार्यकर्ता, मारपीट की नौबत

Uttam Kumar, Last updated: Mon, 20th Sep 2021, 2:52 PM IST
  • अगले महीने कानपुर में प्रियंका वाड्रा की महारैली की तैयारी को लेकर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से तिलक हॉल में बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी और कानपुर प्रभारी सचिव तौकीर आलम के साथ कई जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया था. बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता गौरव त्रिपाठी और युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच बैठने को लेकर झगड़ा शुरू हो गया.
प्रियंका गांधी (फाइल फोटो)

कानपुर. विधानसभा चुनाव के कारण इन दिनों राज्य में चुनावी गतिविधियां बढ़ गई है. हर पार्टी के तरफ में राज्य में चुनावी रैली, नेताओं का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस पार्टी ने भी चुनावी संबंधी तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच कानपुर में अजीब वाकया हुआ. अगले महीने होने वाली प्रियंका वाड्रा की रैली को लेकर तिलक हॉल में बैठक के दौरान अपने ही पार्टी के लोग आपस में भीड़ गए. बातों से शुरू हुई नाराजगी मारपीट तक पहुंच गई. हालांकि कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आगे आकर बीच बचाव किया तब जाकर मामला शांत हुआ. 

दरअसल उत्तरप्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है. चुनाव को लेकर हर पार्टी अपनी तैयारी में जुट गई है. कांग्रेस पार्टी भी अपनी तैयारी जोर- शोर से कर रही है. कांग्रेस की तरफ से अगले महीने कानपुर में प्रियंका वाड्रा की महारैली निकालने की तैयारी की जा रही रही है. अगले महीने कानपुर में होने वाले प्रियंका वाड्रा की महारैली की तैयारी को लेकर आल इंडिया कांग्रेस कमेटी की तरफ से तिलक हॉल में बैठक बुलाई गई थी. इस बैठक में आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव रोहित चौधरी और कानपुर प्रभारी सचिव तौकीर आलम के साथकई जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भी हिस्सा लिया था.

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 बैठक के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता गौरव त्रिपाठी और युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों के बीच बैठने को लेकर झगड़ा शुरू हो गया. इसी बीच कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने गौरव त्रिपाठी का पक्ष लेते हुए युवक कांग्रेस के पदाधिकारियों और युवा कार्यकर्ताओं को खरी-खोटी सुना दी. इसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता दो गुट में बट गए. साथ ही दोनों तरफ से जवाबी हमले शुरू हो गए. देखते - देखते बात मारपीट तक पहुँच गई. इस बीच पार्टी के दूसरे वरिष्ठ नेता आगे आकर दोनों पक्षों के बीच समझौता करवाया. तब जाकर मामला शांत हुआ. 

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