थर्ड वेव : पांच से 50 साल के लोगों पर संक्रमण का ज्यादा खतरा, वैक्सीन ही बचाव

Smart News Team, Last updated: Tue, 6th Jul 2021, 8:35 PM IST
  • कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने देशभर के तमाम लोगों को अपनी चपेट में लिया था. विशेषज्ञों के मुताबिक कोरोना की तीसरी लहर काफी घातक हो सकती है. विशेषज्ञों का मानना है की वैक्सीन ना पर संक्रमण ज्यादा घातक हो सकता है.
 Covid-19 coronavirus screening  

कानपुर. स्वास्थ्य विभाग कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की तैयारियों  में जुटा हुआ है. डॉक्टर्स का मानना है की तीसरी लहर पांच वर्ष से  50 पचास वर्ष तक की आयु के लोगों के लिए खतरा हो सकती है. इस आयु वर्ग पर संक्रमण का खतरा अधिक हो सकता है. विशेषज्ञों की राय है की जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगवाई है उन्हें संक्रमित होने की संभावना अधिक रहती है. इसी आशंका को लेकर आईसीयू  को बढ़ाया जाए रहा है ताकि तीसरी लहर में जनता को आईसीयू की कमी की मार ना झेलनी पड़े. 

लखनऊ से आई टीम ने नगर के सभी सीएचसी और जीएसवीएम मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के आईसीयू पर अपनी रिपोर्ट तैयार की है. इसमें बच्चों के लिए बहुआयामी वेंटीलेटर पर अधिक जोर दिया गया है, क्योंकि पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर संक्रमण का खतरा कम बताया जा रहा है. इस आयु वर्ग के लिए विशेष तरह के वेंटीलेटर की जरूरत पड़ती है. पांच से 17 वर्ष के बच्चों के लिए कुछ बदलावों के साथ वयस्कों के वेंटीलेटर प्रयोग किए जायेंगे.  स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीयों पहिलौर दूसरी लहर के आंकड़ों का अध्ययन किया है. आंकड़ों के अनुसार कोरोना की तीसरी लहर में पांच से 50 वर्ष के बीच लोग संक्रमण के हाई रिस्क में रहेंगे. 

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मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. जीके मिश्र का कहना है कि अधिकतर बुजुर्गों को वैक्सीन की दूसरी डोज लग चुकी है. इसलिए वह कुछ हद तक सुरक्षित हो गए. 18 से 50 आयु के लोगों का मूवमेंट अधिक रहता है. साथ ही इस उम्र के लोगों का वैक्सीनेशन भी कम कम हुआ है. ऐसे में इस आयु वर्ग के लोगों को खतरा ज्यादा है. हमारी तरफ से कोशिश की जा रही है कि वैक्सीन की कम से कम पहली डोज तीसरी लहर से पहले लोगों दे दी जाए. वहीं दूसरी और 5 वर्ष से ऊपर की आयु के बच्चों को भी वैक्सीन नहीं लगी. 

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