Corona vaccination: खराब व्यवस्था के वजह से बिना वैक्सीनेशन के जीएसवीम के डॉक्टर
- कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और हृदय रोग संस्थान के 210 वरिष्ठ डॉक्टरों को वैक्सीन सेंटर पर उनका वैक्सीन सूची में नाम ना होने के कारण बिना टीका लगवाए वापस लौट जाना पड़ा.
कानपुर: देश में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन के शुरुआती दौर में ही लचर व्यवस्था सामने आने लगी है. वैक्सीनेशन प्लान को लेकर सरकार शुरुआत से बोलती रही है, कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन सबसे पहले देश में फ्रंट फूट पर काम करने वाले डॉक्टरों, अन्य स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस आदि को दिया जाएगा. लेकिन जल्दी ही सरकार के बनाएं गए प्लान की खामियां खुल रही है. कानपुर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज और हृदय रोग संस्थान के 210 वरिष्ठ डॉक्टरों को वैक्सीन सेंटर पर उनका वैक्सीन सूची में नाम ना होने के कारण बिना टीका लगवाए वापस लौट जाना पड़ा.
लौटने पर डॉक्टरों ने अपनी नाराज़गी भी जाहिर की. डॉक्टरों के साथ-साथ मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य भी गुस्से से बिफर पड़े और स्वास्थ विभाग पर आरोप लगाते हुए बोले कि फ्रंट लाइन के डॉक्टर जब कोरोना से लड़ते रहे तो उनकी जगह सूची में लिपिकों का नाम पहले कैसे जोड़ दिया गया. वहीं वैक्सीनेशन के पहले चरण के दूसरे दिन सूची में दर्ज 700 मे से 191 लोगों को ही टीका लग पाया.
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बाद में जीएसवीएम के प्राचार्य ने जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम) और प्रदेश सरकार को शिकायत करते हुए यह दलिल भी रखा कि लखनऊ में आरएमएल और केजीएमयू में वैक्सीन सूची में नाम ना होने के बाद भी सेन्टर पर टीका लगाया जा रहा है. जबकि यहां सूचि से बाहर लोगो को सूची में शामिल नहीं किया जा रहा है. इस पर डीएम आलोक तिवारी ने भी नाराजगी जाहिर की है. बताया जा रहा है कि कोविन एप के सिस्टम का पालन करने के कारण जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में वैक्सीनेशन की सूची में गड़बड़ी हो गई.
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कोविन एप के सिस्टम का पालन करने के चलते मेडिकल कॉलेज में वैक्सीनेशन में गड़बड़ी आई. मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो दिन पहले ही अपने फ्रंट लाइन डॉक्टरों और हेल्थ वर्करों की सूची स्वास्थ्य विभाग को दी थी. लेकिन सुबह जो सूची हैलट के वार्ड 3 के वैक्सीनेशन सेन्टर पहुंची, तो उसमें मेडिकल कॉलेज का वह स्टॉफ का नाम था, जो कोरोना काल के समय स्वास्थ सेवा देने में पीछे रहा.
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कम डॉक्टरों के टीका लगने पर कॉलेज प्रशासन ने सेन्टर में 2 बजे कॉडियोलॉजी के 60 और 160 मेडिकल कॉलेज के फ्रंट लाइन डॉक्टरों, स्टॉफ नर्स और हेल्थ वर्करों की सूची स्वास्थ्य विभाग पूर्व वार्ता के तहत दी और सभी को बुलाने के लिए कह दिया गया. एक घंटे के बाद सेन्टर पर डॉक्टर और स्टॉफ नर्स आने लगीं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ ने नई सूची के तहत टीकाकरण पर हाथ खड़े कर दिए तो डॉक्टरों को सेन्टर पर आकर लौटना पड़ा. ऐसे में कई डॉक्टरों ने काफी नाराजगी जताई.
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मामला गंभीर देख प्राचार्य प्रो.आरबी कमल भी स्वास्थ्य विभाग के स्टॉफ पर नाराज हुए लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला तो उन्होंने पहले डीएम को शिकायत कर कहा कि फ्रंट लाइन डॉक्टरों को टीका लगवाना है तो उन्हें सूची में न होने का हवाला बताकर लगाया नहीं जा रहा है.
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