सीएसजेएमयू : कचरे से बनेगी जैविक गैस, मेस में अब नहीं लेना होगा गैस सिलिंडर

Smart News Team, Last updated: Sat, 2nd Jan 2021, 3:00 PM IST
  • छात्रपति शाहूजी महाराज विश्विद्यालय में जैविक गैस बनाने की ईकाई लगाई गई है। इसमें रोजाना 10 टन कचरे से जैविक गैस बनाई जाएगी। इसके बाद निकले कचरे को खाद के रूप में यूनिवर्सिटी के बागीचो में इस्तेमाल किया जाएगा। जबकि जैविक गैस से मेस में खाना बनाया जाएगा। अब मेस में एलपीजी सिलिंडर की जरूरत नहीं होगी।
फाइल फोटो

कानपुर : छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) में रोजाना 10 टन कचरे से जैविक गैस बनाने की इकाई स्थापित की गई है। इस इकाई में डाइजेस्टर व गैस होल्डर लगे हुए हैं, जो ईंधन का निर्माण करते हैं। महापौर प्रमिला पांडेय व कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता ने संतरे के छिलके को फीड कंटेनर में डालकर इसकी शुरूआत की।

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  विवि परिसर में दो हजार स्टूडेंट्स के अलावा करीब एक हजार स्टाफ रहता है यहां से रोजाना 400 से 450 टन कचरा निकलता है। इसका इस्तेमाल जैविक गैस इकाई में किया जाएगा। इस गैस से छात्रावास की मेस में खाना पकेगा। इसके अलावा इससे निकलने वाले अवशेष का इस्तेमाल विश्वविद्यालय में लगे पेड़ पौधों व औषधि वाटिका में खाद के रूप में किया जाएगा।

जैविक गैस इकाई स्थापित किए जाने से पहले इसका छोटा प्रारूप बनाकर गैस की गुणवत्ता जांचने के बाद इसे पूरी तरह शुरू कर दिया गया है। इस मौके पर कुलपति के सचिव वीजी वर्गीज, डॉ. आरसी कटियार, प्रो. वर्षा गुप्ता, चीफ प्रॉक्टर डॉ. संदीप सिंह, डॉ. बीपी सिंह, अकादमिक अधिष्ठाता प्रो. संजय स्वर्णकार, कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव समेत,डॉ. रशि अग्रवाल समेत अन्य शिक्षक मौजूद रहे।

 

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