ईमेल हैक कर कंपनियों को लगाया करोड़ो का चूना, साइबर ठगों की तलाश में जुटी पुलिस
- साइबर ठगों ने एक कंपनी को 2 करोड़ 45 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिए. तो वहीं एक और कंपनी की ईमेल को हैककर साइबर अपराधियों ने 65 लाख 80 हजार से ज्यादा की रकम अपने अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर कंपनी को चूना लगा दिया.
कानपुर: कानपुर में साइबर ठगों ने दो कंपनियों की ईमेल को हैक कर करोड़ो का चूना लगाया है. कानपुर नगर स्थित गणेश इकोटेक कंपनी के बाद विशाल ऑटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ साइबर ठगी का मामला सामने आया है. सबसे पहले गणेश इकोटेक कंपनी की ईमेल हैक कर साइबर ठगों ने कंपनी को 2 करोड़ 45 लाख रुपए अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर हड़प लिए थे. तो वहीं अब विशाल ऑटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड की ईमेल को हैककर साइबर अपराधियों ने 65 लाख 80 हजार से ज्यादा की रकम अपने अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर कंपनी को चूना लगा दिया.
मिली जानकारी के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक विनय दीक्षित की ओर से एक मुकदमा दर्ज किया गया. मुकदमे में बताया गया कि उनकी शाखा में विशाल ऑटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड नाम से ऋण खाता है. जिस के निदेशक दौलत सिंह भदोरिया है. विनय दीक्षित ने बताया कि उन्हें 9 सितंबर को एक अनजान नंबर से फोन आता है. कॉल पर दौलत सिंह भदौरिया का नाम था. उन्होंने फोन उठा लिया. फोन पर शख्स ने उनसे कहा कि कंपनी की चेक बुक खत्म हो गई है. इसलिए ऋण खाते से कुछ आरटीजीएस कर दीजिए. शख्स ने कहा कि बैंक की ईमेल आईडी पर कंपनी की ईमेल आईडी से लेटर हेड भेज रहें हैं. आठ अलग अलग खातों में रकम ट्रांसफर कर दीजिए.
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फिर कुछ देर बाद शाखा प्रबंधक के पास बैंक की ईमेल आईडी पर कंपनी की ईमेल आईडी से भेजे गए लेटर हेड आता है. जिस पर निदेशक का हस्ताक्षर भी होता है. हस्ताक्षर देखकर शाखा प्रबंधक ने करीब 6 खातों में करीब 47 लाख 48 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. जिसके बाद उस शख्स का दोबारा फोन आता है जो शाखा प्रबंधक से कहता है कि वह अगले दिन बैंक आएगा. अगले दिन वह दो फोन कर दो अन्य खातों में करीब 18 लाख 32 हजार रुपए ट्रांसफर करवा लेता है. विशाल ऑटो मूवर्स प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक बन बात कर रहा शख्स फोन कर कहता है कि वह दोपहर बैंक आएगा.
इधर कंपनी के निदेशक दौलत सिंह भदौरिया को पैसे ट्रांसफर की सूचना मिलती है तो वह सीधे बैंक पहुंचते हैं और आपत्ति जताते हैं कि ये पैसे ट्रांसफर क्यों किये गए. शाखा प्रबंधक बताता है कि उनकी कंपनी की ओर से लेटर हेड भेजा गया था. उसके आधार पर पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. घटना की जानकारी मिलते ही भदौरिया मुकदमा दर्ज करवाते हैं. मुकदमा धोखाधड़ी व आईटी एक्ट की धारा के तहत दर्ज कराई गई है.
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