कानपुर के डॉग्स फूड अमेरिका यूरोप में निर्यात, तो कई देशों में बना फास्ट फूड
- कानपुर में बन रहे डॉग्स फूड्स विदेशों में करोड़ो डॉलर में निर्यात हो रहे है. वहीं चीन, होनकोंग और उसके पड़ोसी देशों में इंसानी इस्तेमाल में लिए जाने के चलते ये और भी महंगे हो गए है. इतना ही नहीं इन व्यंजनों का अमेरिका और यूरोप में पालतू मांसाहारी पशुओं के लिए काफी मांग भी है.

कानपुर. कानपुर में बन रहे डॉग्स फ़ूड को कई देशों में आदमी फ़ास्ट फूड के रूप में लिया जा रहा है. वहीं ये डॉग्स फूड्स कानपुर से करोड़ों डॉलर में निर्यात हो रहे है. जिसका कारण डॉग्स के अलावा आदमियों के सेवन करने के चलते हुआ है. साथ ही इन डॉग्स फूड्स का निर्यात एशिया, अमेरिका और यूरोप के देशों में इनकी मांग मांसाहारी पालतू पशुओं के लिए होता है, लेकिन जबसे चीन और उसके पड़ोसी देशों में इंसानों के लिए इसकी मांग बढ़ी तबसे इन व्यंजनों का दाम भी काफी बढ़ गया है.
इन डॉग्स फूड को कानपुर के लेदर हब में बचे हुए चमड़ों से बनाया जाता है. वहां पर अधिकतर भैंस के चमड़े का इस्तेमाल टेनरियों में किया जाता है. वहां पर भैंस के अंग के बाकी हिस्से बेचने वाले कई प्लांट्स है. जहां पर आसानी से उपलब्ध हो जाते है. जिनसे वह डॉग्स फूड्स को तैयार करते है. जिसमें अधिकतर भैंस के कान की बनी हुई चिप्स और फेफड़े से बनी हुई च्विंगम शामिल है.
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डॉग्स फूड्स के उद्यमी मोहम्मद अली ने बताया कि यहां पर जो बैंस का कान 15 रुपए जोड़ा मिलता है उसे वह 35 रुपए जोड़े में निर्यात करते है. इसी तरह 60 रुपए के फेफड़े को 150 रुपए किलो तो 150 रुपए किलो हड्डियों को 350 रुपए किलो में निर्यात हो रहे है. वहीं उन्होंने में आगे बताया कि डॉग्स फूड्स में दो तरह की कैटेगरी है एक खाने वाली तो दूसरी चबाने वाली. खाने के हड्डियां और कान तो चबाने के लिए फेफड़े होते है.
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