कानपुर में रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जीवाड़ा, 3 एजेंट्स गिरफ्तार
- फर्जी नियुक्ति पत्र के ज़रिए रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. मामले की तह तक पहुंचने के लिए विजिलेंस की टीम ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन का दौरा किया.

कानपुर: फर्जी नियुक्ति पत्र के ज़रिए रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इस मामले में ठगी करने वाले 3 एजेंट्स को गिरफ्तार किया गया है. मामले की तह तक पहुंचने के लिए विजिलेंस की टीम ने कानपुर सेंट्रल स्टेशन का दौरा किया. टीम ने पार्सल अनुभाग के अफसरों से पूछताछ की. विजिलेंस की टीम पकड़े गए गिरोह के रेलवे से जुड़े तार को खंगालने में जुटी है.
दरअसल फर्जी नियुक्ति पत्र पर 13 युवक पिछले 10 दिन से सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर टीसी और पार्सल पोर्टर पद के लिए ट्रेनिंग ले रहे थे. ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों का इन 13 युवकों से 1.15 करोड़ रुपए में सौदा हुआ था. ट्रेनिंग होने तक सभी से आधा पैसा लिया गया था और ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बचा हुआ पैसा लेने की योजना थी.
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इन युवकों को एक पत्र भारत सरकार के रेल मंत्रालय के रेलवे भर्ती बोर्ड का और दूसरा पत्र नॉर्थ ईस्टर्न रेलवे का दिया गया था. फिलहाल 3 एजेंट्स के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज होने के बाद एक आरोपी दिनेश कुमार को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया. वहीं दो अन्य एजेंट्स पवन गुप्ता और शिवनारायण त्रिपाठी को आज कोर्टमें पेश करने के बाद जेल भेजा जाएगा.
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उधर, रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का सरगना रुद्र प्रताप ठाकुर और अन्य 4 आरोपी अभी फरार बताए जा रहे हैं. इनकी गिरफ्तारी के लिए टीमें बनाई गई हैं. ख़बर ये भी है कि जीआरपी की पूछताछ के दौरान सरगना के दो अन्य साथियों के नाम भी सामने आए हैं.
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