कानपुर में दोस्ती की मिसाल, 31 पूर्व सहपाठियों ने बचाई दोस्त की माँ की जान

Smart News Team, Last updated: Tue, 8th Jun 2021, 9:46 AM IST
  • कानपुर में एक दोस्ती एक ऐसी मिसाल देखने को मिली जिसमें 31 पूर्व सहपाठियों ने दोस्त की माँ की कोरोना संक्रमण के मौत के मुँह से जान वापस ला दी. साथ ही उन्होंने दोस्त की माँ की जान बचाने के लिए जमीन आसमान के कर दिया.
कानपुर में दोस्ती की मिसाल, 31 पूर्व सहपाठियों ने बचाई दोस्त की माँ की जान

कानपुर. कानपुर में एक ऐसी दोस्ती की मिसाल देखने को मिली जिसमें पूर्व दोस्तों ने मित्र की माँ की जान मौत के मुह से वापस ला दी. इतना ही नहीं उन्हीने दोस्त की माँ का इलाज करवाने के लिए 1.75 लाख रुपए भी चंद दिनों में जुटा लिए. साथ ही ऑक्सीजन से लेकर स्वास्थ्य उपचार की सभी सुविधाएं भी मुहैया कराई और दोस्त की माँ का उपचार कराने के लिए डॉक्टर से भी बात की. 

जानकारी के अनुसार कानपुर की रहने वाली रोशनी की माँ कुमुदिनी को 15 अप्रैल को बुखार हो गया. जिसके बाद उन्होंने अपनी माँ की कोरोना जांच करवाई. जिसमें माँ की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आयी. जिसके बाद रोशनी अपनी माँ को लेकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने को लेकर गई. जहां पर भर्ती से पहले उससे एडवांस में रकम मांगी गई. जहां से निराश होकर रोशनी माँ को लेकर हैलेट अस्पताल पहुंची. जहां पर उसे माँ को होम आइसोलेशन में रखने की बात कही गई. 

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दो जगह से निराशा हाथ लगने के बाद रोशनी ने माँ को घर लेकर चली आयी. घर रहने के दौरान रोशनी की माँ की तबियत और बिगड़ने लगी. तब उसने अपनी माँ की स्थिति के बारे में उसने अपने कॉलेज के ग्रुप में पुराने सहपाठियों से सांझा की. जिसके बाद उसके पुराने साथियों ने दोस्त की माँ की जान बचाने लिए दिन रात एक कर दिया. 

इतना ही नहीं रोशनी के दोस्तों ने 24 घण्टे के भीतर ही माँ के इलाज के लिए 38 हजार रुपए जुटा लिए. साथ ही एक सहपाठी ने तो अपने डॉक्टर चाचा की मदद से रोशनी की माँ के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतेजाम किया. रोशनी के ये सभी दोस्त उसके लखनऊ के निजी इंजीनियरिंग कॉलेज के है. बात करे रोशनी की तो उसके पिता की चार साल पहले लिवर संक्रमण के कारण मौत हो गई थी.

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