IIT कानपुर के शोध में दावा, 10 मिनट राग दरबारी शास्त्रीय संगीत सुनने से बढ़ती है एकाग्रता और सोचने की क्षमता

Haimendra Singh, Last updated: Thu, 18th Nov 2021, 11:45 AM IST
  • आईआईटी कानपुर ने अपनी रिसर्च में दावा किया है कि रोजाना करीब 10 मिनट शास्त्रीय संगीत सुनने से हमारी एकाग्रता और शारीरिक बुद्धि क्षमता में बढ़ोतरी होती है. शास्त्रीय संगीत सुनने हमारे मस्तिष्क के न्यूरॉन्स 100 सेकेंड में सक्रियता पर पहुंच जाते है.
आईआईटी कानपुर के शोध में दावा, 10 मिनट राग दरबारी संगीत सुनने से बढ़ती है एकाग्रता और सोचने की क्षमता.( सांकेतिक फोटो )

कानपुर. आईआईटी कानपुर(IIT Kanpur) के एक शोध में खुलासा हुआ है कि रोजाना सिर्फ दस मिनट शास्त्रीय संगीत के राग दरबारी सुनने के बाद दिमाग की एकाग्रता और सोचने समझने की क्षमता में वृद्धि होती है. शोध के अनुसार, मूल राग के नियंत्रण में मौजूद तत्व शरीर में 100 से अधिक नसों और उनके आरोही और अवरोही नोट्स मूड और गतिशीलता को नियंत्रित करते हैं. राग दरबारी सुनने से दिमाग तेज होता है.

भारतीय समाज में हमेशा से कला का विशेष स्थान रहा है. ऐसा माना जाता है कि शास्त्रीय संगीत से जीवन से अनेक तनाव को दूर किया जा सकता है. ऐसा हम नहीं, बल्कि आईआईटी कानपुर की रिसर्च कह रही है. आईआईटी ने शोध में खुलासा किया है जो लोग रोजाना एक निश्चित समय केवल 10 मिनट शास्त्रीय संगीत सुनते हैं उनकी एकाग्रता और सोचने की क्षमता आम लोगों से ज्यादा होती है. राग दरबारी सुनने के बाद दिमाग के न्यूरॉन्स तेजी से सक्रिय हुए और दिमाग को एकाग्र बढ़ी. इससे सोचने-समझने की क्षमता बेहतर हुई और दिमाग तेजी से निर्णय लेने की स्थिति में था. शोध के बाद विशेषज्ञ अब कई और रागों पर काम कर रहे हैं.

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100 सेकेंड में सक्रिय होते है मस्तिष्क के न्यूरॉन्स

आईआईटी कानपुर ने तीन चरणों में रिपोर्ट को तैयार किया है जिसमें ग्राफिकल मैपिंग के जरिए यह पता चला है कि राग सुनने के दौरान महज 100 सेकेंड में न्यूरॉन्स की सक्रियता चरम पर पहुंच गई थी. न्यूरॉन्स की मैपिंग में परिणाम शानदार रहे है और राग सुनने के बाद श्रोता ने काफी बेहतर महसूस किया है.

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