आईआईटी कानपुर का सेंसर एक्टिव गर्व टॉयलेट विश्व के टॉप-28 स्टार्टअप में शामिल

Smart News Team, Last updated: Fri, 16th Oct 2020, 3:09 PM IST
  • आईआईटी कानपुर के गर्व टॉयलेट विश्व के टॉप-28 स्टार्टअप में शामिल हो गया है. सेंसर एक्टिव यह टॉयलेट स्वच्छता और पानी बचाने का संदेश देता है.
कानपुर का गर्व टॉयलेट विश्व के टॉप-28 स्टार्टअप में शामिल हुआ.

कानपुर. आईआईटी कानपुर के गर्व टॉयलेट विश्व के टॉप-28 स्टार्टअप में शामिल हो गया है. यह स्टार्टअप स्वच्छता और पानी बचाने का संदेश देता है. यह टॉयलेट सेंसर एक्टिव है, जो गंदगी होने पर तुरंत सफाई शुरू कर देता है. अगर टॉयलेट में टूट-फूट होता है तो उसकी सूचना सेंसर के जरिए कंट्रोल रूम को देता है. आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर गर्व टॉयलेट की शुरुआत साल 2014 में हुई थी.साल 2015 में यह स्टार्टअप बन गया था. 

एसजीएस जेनेवा ने तीन सेक्टर में टॉप-28 स्टार्टअप का चयन किया है. टॉप-28 स्टार्टअप में आईआईटी कानपुर के इंक्यूबेटर मयंक विधा के स्टार्टअप गर्व टॉयलेट का चयन एसजीएस जेनेवा ने किया है. इस स्टार्टअप का चयन वेस्ट मैनेजमेंट कैटेगरी में हुआ है. इस गर्व टॉयलेट की खासियत मयंक बताते है कि यह टॉयलेट शौचमुक्त गांव और शहर का संदेश देता है. इसमें पानी की बचत भी होती है. टॉयलेट पूरी तरह स्टील बॉडी से बनाया गया है. टॉयलेट में एक टंकी को भी लगाया गया है. 

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मयंक ने बताया कि टॉयलेट में सेंसर लगा हुआ है. यह सेंसर गंदगी के बाद खुद सफाई शुरू कर देता है. इस टॉयलेट में एक बार में सिर्फ डेढ़ लीटर पानी का प्रयोग होता है, जबकि आम शौचालय में लगभग पांच लीटर पानी खर्च होता है. उन्होंंने बताया कि इस टॉयलेट को खासकर गरीब बस्ती को ध्यान में रखकर बनाया गया है. साथ ही इस टॉयलेट में कपड़े धोने और नहाने की भी व्यवस्था मौजूद है. 

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मयंक ने बताया कि गर्व टॉयलेट का उपयोग बिहार और दिल्ली राज्य में हो रहा है. इसके अलावा घाना, नाइजीरिया, भूटान और नेपाल में इस गर्व टॉयलेट का प्रयोग हो रहा है. बिजली जरुरत इस टॉयलेट को नहीं पड़ती है. इसमें सोलर पैनल की व्यवस्था की गई है.  

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