कानपुर: मंडलायुक्त के औचक निरीक्षण में नगर निगम के 60 फीसदी कर्मी गायब मिले.
- कानपुर के मंडलायुक्त राजशेखर ने सुबह नगर निगम का निरीक्षण किया. इस दौरान करीब 60 फ़ीसदी अफसर व कर्मचारी गायब मिले जिसके बाद मंडलायुक्त ने सभी अनुपस्थित अवसर व कर्मचारियों के वेतन काटने के निर्देश दे दिए.
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कानपुर। कानपुर नगर निगम में मंगलवार को मंडलायुक्त राजशेखर ने कार्यालय का निरीक्षण किया. करीब 10:30 बजे मंडलयुक्त ने कार्यालय में पहुंचकर औचक निरीक्षण किया. इस दौरान लगभग 60 फीसदी कर्मचारी व अधिकारी अपनी कुर्सी से नदारद रहे. जिसके बाद मंडलायुक्त ने अनुपस्थित सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन काटने के निर्देश दे दिए. इस दौरान मंडलायुक्त ने नगर निगम कर्मचारियों पर कड़ी नाराजगी जाहिर की.
साथ ही देर से पहुंचे वाले कर्मचारियों को बुलाकर कड़ी फटकार लगाई. इस दौरान देर से पहुंचने वाले कर्मचारियों ने अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांगी और आगे से ऐसी गलती दोबारा नहीं करने का आश्वासन दिया. उन्होंने 10:30 बजे के करीब औचक निरीक्षण किया जबकि सरकारी कार्यालयों में 9:30 बजे से ही काम शुरू किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं.
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बावजूद इसके सभी कर्मचारी व अधिकारी सरकारी निर्देशों की अवहेलना करते हुए रोजाना अपने ही समय से कार्यालय आते हैं. इस बात की शिकायत को लेकर ही औचक निरीक्षण करने मंडलायुक्त सोमवार की सुबह नगर निगम औचक निरीक्षण करने पहुंचे थे.
बता दें कि अनुपस्थित हुए कर्मचारियों को मंडलायुक्त ने नोटिस दिए जाने का निर्देश दिया है. उन्होंने नगर आयुक्त से अनुपस्थित हुए कर्मचारियों व अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है. साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों की उपस्थिति के लिए निगरानी और पर्यवेक्षण के लिए पर्यवेक्षण अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के भी आदेश दिए है. साथ ही हर हफ्ते उपस्थिति की औचक निरीक्षण किए जाने के भी निर्देश दिए है.
15 अक्टूबर तक शिकायतों को निस्तारित किए जाने का दिया निर्देश
इसके बाद मंडलायुक्त ने नगर निगम में स्थापित कंट्रोल रूम में दर्ज शिकायतों की जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने पाया कि वर्ष 2020 में जनवरी माह से अब तक कंट्रोल रूम में करीब 5000 शिकायतें दर्ज की गई है, जिनमें से लगभग 40 फीसदी शिकायतें ही निस्तारित की गई है. 5 फीसदी शिकायतें खारिज कर दी गई है और लगभग 56 फ़ीसदी शिकायतें अभी भी लंबित है.
जिसको लेकर मंडलायुक्त ने 15 अक्टूबर तक शिकायतों के निस्तारण किए जाने का निर्देश दिया है. साथ ही लापरवाही बरतने वालों पर कार्रवाई किए जाने का भी निर्देश दिया है.
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