कानपुर: निजी डाटा की चोरी और हैकिंग में एक दर्जन वेबसाइट निशाने पर

Smart News Team, Last updated: Sat, 19th Dec 2020, 10:46 AM IST
  • डिजिटल मार्केटिंग और ब्रांडिंग की आड़ में कई कंपनियां जुड़ी हैं, जो डाटा चोरी और वेबसाइट हैकिंग कर रही है. और फिर वह डाटा किसी कम्पनी को बेच दिया जाता है. डाटाबेस में छात्रों का नाम, पिता का नाम, पता, इमेल,और मोबाईल नंबर होता है. इस मामले में आईपीएस अमिताभ ने एफआईआर ना होने पर डीजीपी से आपत्ति जताई.
कानपुर: निजी डाटा की चोरी और हैकिंग में एक दर्जन वेबसाइट निशाने पर

कानपुर: बोर्ड छात्रों का डाटा हैकिंग में एक दर्जन से ज्यादा वेबसाइट निशाने पर हैं. साइबर एक्सपर्ट के जरिए इन की कारगुजारी खंगाली जा रही है. ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग ब्रांडिंग की आड़ में चल रहे खेल से जुड़ी कंपनियों के युवक और युवतियों से पूछताछ की जा रही है. अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर एफआईआर में विलंब होने पर सवाल उठाया है. डाटा बेचे जाने की शिकायत की जांच में सीओ अनवरगंज की टीम में रायपुरवा क्षेत्र की ऑनलाइन कंपनी पर संदेह होने पर गुरुवार को पूछताछ की. 

यहां के युवक और युवतियों से पूछताछ के बाद यह साफ हो गया कि इसमें ब्रांडिंग और मार्केटिंग के काम की आड़ में कई कंपनी जुड़ी है. डाटा कहां से आए और हैकिंग की जड़ में कौन शामिल है. यह तथ्य जुटाने के लिए पुलिस ने साइबर एक्सपर्ट की मदद ली पनकी में कंपनी चलाने वाले युवक व एक युवती ने दूसरी बार में पूछताछ में भी यही दोहराया कि उन्होंने दूसरी साइड से डाटा लिया था. यह कंपनी बंगलुरु की है साइबर एक्सपर्ट के जरिए कंपनी के बारे में गहन छानबीन की जा रही है.

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देरी पर गुनाहगारों को लाभ मिलेगा

आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने छात्रों के डेटाबेस के लीक होने, उन्हें अन्य व्यक्तियों को सार्वजनिक रूप से बेचे जाने के मामले में अब तक एफआईआर दर्ज ना होने पर गंभीर आपत्ति जताई है. डीजीपी और शासन स्तर पर अधिकारियों को भेजे गए पत्र में अमिताभ ने कहा कि 14 दिसंबर 2020 को एसएसपी कानपुर नगर से छात्रों का डेटाबेस लीक होने की शिकायत की गई. 

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थाना रायपुरवा क्षेत्र की एक कंपनी का नाम भी बताया गया था. यहां तक कि डाटा बेचने की रेट भी बताए गए इस डेटाबेस में छात्रों के नाम पिता का नाम इमेल मोबाइल नंबर भी शामिल है. कई तथ्य और सूचना के बाद इस प्रकरण में एफआईआर दर्ज नहीं की गई, स्थानीय अधिकारी जांच की बात कर रहे हैं. एफआईआर में देरी से फायदा गुनहगारों को मिलेगा.

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ठोस आधार लगते हैं कार्रवाई होगी

अनवरगंज सीओ अकमल खान का कहना है कि कई कंपनी से जुड़े लोगों से पूछताछ की जा रही है. एक्सपर्ट की मदद भी ली जा रही है. पूछताछ के दौरान बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं इसके साथ ही ऑनलाइन डाटा बेंगलुरु की कंपनी से खरीदने की बात आई है. कंपनी के बारे में पता लगाया जा रहा है. ठोस आधार लगते एफआईआर दर्ज की जाएगी.

 

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