विकास दुबे बरसा रहा था पुलिस पर गोलियां, SO ने एसएसपी को फोन मिलाकर कहा...

Smart News Team, Last updated: Wed, 26th Aug 2020, 4:12 PM IST
  • विकास दुबे मामले से जुड़ा एक और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है इन दिनों. इसमें एसओ विनय तिवारी और तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार के बीच बातचीत हुई है. वायरल ऑडियो में एसओ कह रहे है कि हां मुझे मालूम था विकास दुबे कुछ भी कर सकता है.
विकास दुबे मामले से ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो में एसओ कह रहे है कि हां मुझे मालूम था विकास दुबे कुछ भी कर सकता है.

कानपुर. कुख्यात बदमाश विकास दुबे मामले से जुड़ा एक और ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। जानकारी के अनुसार इस ऑडियो को दो जुलाई की रात हुई घटना के समय का बताया जा रहा है। जब विकास दुबे और उसके साथी बम और गोलियों से पुलिस की टीम पर हमला कर रहे थे, उसी दौरान एसओ विनय तिवारी ने मामले की जानकारी तत्कालीन एसएसपी दिनेश कुमार काे दे रहे थे. इन दोनों लोगों की बातचीत का ऑडियो सोशल मीडिया पर अब वायरल हो रहा है.

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कुख्यात विकास दुबे के बारे में सभी को पता था कि वो कितना खतरनाक है. वायरल ऑडियो में एसओ कह रहे है कि हां मुझे मालूम था विकास दुबे कुछ भी कर सकता है. इस ऑडियो के वायरल हो जाने के बाद जानकारों का कहना है कि अगर सही रणनीति बनाई जाती तो पुलिस ऑपरेशन में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या होने से बचा जा सकता था.

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दोनों के बीच कुछ इस तरह हुई बातचीत :

एसओ : सर मैं बोल रहा हूं

एसएसपी : कौन एसओ बोल रहे हो

एसएसपी : कितने लोग हैं वे और किधर से गोलियां चला रहे है वो सब

एसओ : 5 से 7 लोग या अधिकतम 10 लोग गोली चला रहे हैं। गोली विकास दुबे के घर से चलाई जा रहीं हैं. आसपास के घरों से भी हो सकता है. वहां से भी गोलियां चलीं, लेकिन अंधेरे की वजह से कुछ समझ में नहीं आ रहा है.

एसएसपी : उन्हें पता था क्या कि पुलिस फोर्स आने वाली थी.

एसओ : जी, उन्हें पता है कि पुलिस है.

एसएसपी : अब तक कितने लोग घायल हुए हैं? दो लोग

एसओ : जी, अब चार सिपाही हो गए हैं, चारों को बाहर निकाला गया है.

एसएसपी : उनके पास कौन से हथियार हैं ?

एसओ : 315 बोर की रायफल, पिस्टल के साथ हमलावर बम का भी उपयोग कर रहे हैं.

एसएसपी : क्या तुम्हें पता था कि विकास दुबे इतना खतरनाक आदमी है. उसके साथ चार पांच हथियारबंद बदमाश हर समय रहते हैं और वह बम भी चला सकता है.

एसओ : जी सर, मैं जानता था, मुझे अंदेशा था, इसीलिए मैंने आपको बताया था और फोर्स मांगी थी.

एसएसपी : (बीच में एसओ की बात काटते हुए) नहीं तुमने मुझे यह नहीं बताया था कि इसके साथ चार-पांच बदमाश हर समय रहते हैं और यह बम भी चला सकता है.

एसओ : उन लोगों ने गाडिय़ां सड़क पर ही छोड़ दी थीं। गोलियां चली तो सभी तितर-बितर हो गए कौन कहां हैं? किसी को नहीं पता.

एसएसपी: सीओ कहां है?

एसओ : वहीं है

एसएसपी : बात हुई

एसओ : नहीं, एक मोबाइल गाडृ़ी है दूसरा मिल नहीं रहा

एसएसपी : क्या स्थिति है? अंदर फंसे सिपाहियों को बाहर निकाल पाए या नहीं, अभी सिपाही फायरिं कर रहे हैं या नहीं.

एसओ : सर, 15 से 20 मिनट फायरिंग हुई थी. अब फायर नहीं हो रहे हैं और किसी को अभी तक बाहर नहीं निकाला जा सका है. विकास का घर गांव के बीचोंबीच है. पुलिस टीम ने उसको चारों ओर से घेरा था, इसी बीच फायरिंग शुरू हो गई. कितने पुलिसकर्मियों को गोली लगी है कुछ नहीं पता.

एसएसपी : जरूर तुम्हारे थाने से पहले ही किसी ने बता दिया होगा कि दबिश पडऩे वाली है.

इसके जवाब में एसओ कोई उत्तर नहीं दे सका.

एसएसपी : अंदर कितने लोग फंसे हुए हैं?

एसओ: 15 से 16 लोग अभी अंदर हैं. जितनी जल्दी हो सके ज्यादा से ज्यादा फोर्स भेज दें.

एसएसपी : वह खुद आ रहे हैं.

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