कानपुर की शान लाल इमली-धारीवाल मिलें अब सदा के लिए होगी बंद, डीपीई ने दी मंजूरी

Sumit Rajak, Last updated: Sun, 6th Feb 2022, 1:00 PM IST
  • कानपुर की शान और अंग्रेजों की बनाई गई ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआईसी) कंपनी के साथ ही लालइमली-धारीवाल मिलें अब सदा के लिए बंद हो जाएगी. उलेन मिलो की बंदी के प्रस्ताव को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) ने मंजूरी दे दी है. अब इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा. वहां से मुहर लगने के बाद लालइमली हमेशा के लिए बंद हो जाएगी.
फाइल फोटो

कानपुर. कानपुर की शान और अंग्रेजों की बनाई गई ब्रिटिश इंडिया कारपोरेशन (बीआईसी) कंपनी के साथ ही लालइमली-धारीवाल मिलें अब सदा के लिए बंद हो जाएगी. उलेन मिलो की बंदी के प्रस्ताव को डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीई) ने मंजूरी दे दी है. अब इसे केंद्रीय मंत्रिमंडल को भेजा जाएगा. वहां से मुहर लगने के बाद लालइमली हमेशा के लिए बंद हो जाएगी.

146 साल पुरानी इस मिल में अब भी लगभग डेढ़ हजार का स्टाफ है. लालइमली (कानपुर) और धारीवाल (पंजाब) मिलो में वैसे तो उत्पादन 2013 से ही बंद है. नीति आयोग ने 5 साल पहले बीआईसी की बंदी का फैसला सुना दिया था. लेकिन तमाम औपचारिकताओं ने यह फंसा रहा. तमाम परीक्षण के बाद डीपीई ने भी हाल में ही बंदी पर मुहर लगाते हुए अंतर मंत्रालय कंसल्टेंसी प्रक्रिया भी पूरी कर ली है.

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ब्रिटिश इंडिया कॉरपोरेशन (बीआईसी) के अधीन लाल इमली और धारीवाल मिल का संचालन होता था. कानपुर की लाल इमली मिल पिछले कई दशकों से एक चुनावी मुद्दा भी बनी हुई थी. राजनीतिक पार्टियों ने लाल इमली को चालू कराने के नाम पर मजदूरों के वोट हासिल किए, लेकिन नेताओं ने अपना वादा पूरा नहीं किया. अब लाल इमली को हमेशा के लिए बंद की जाएगी.

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