कानपुर में मकान गिरने से घंटा भर पहले मां-बेटी को छोड़ बाकी लोग दूसरी जगह चले गए

Smart News Team, Last updated: Fri, 14th Aug 2020, 8:38 AM IST
  • कानपुर के हटिया मोहल्ले में सुबह से रुक-रुक कर बारिश के बाद रात 9 बजे एक चार मंजिला मकान गिर गया जिसके मलबे में तीसरी मंजिल पर रहने वाले परिवार की दो महिलाएं फंस गईं. इनको बचाने के लिए फायर ब्रिगेड के साथ पुलिस प्रशासन के आग्रह पर सेना के जवान भी बचाव ऑपरेशन में उतरे लेकिन उन दोनों को नहीं बचा पाए.
कानपुर के इस मकान के तीसरे फ्लोर पर रहने वाली मां और बेटी मलबे में फंसी हैं.

कानपुर. कानपुर के हटिया इलाके में गुरुवार की रात एक चार मंजिला इमारत गिर गई जिसमें मां और बेटी के फंसे होने के कारण उनकी मौत हो गई. इस मकान के अलग-अलग फ्लोर पर रहने वाले लोग रात 8 बजे तक घर खाली करके दूसरी जगह चले गए थे क्योंकि सुबह से ही हो रही बारिश के बाद घर के ईंट टूटकर गिर रहे थे और लोगों को लग रहा था कि मकान गिर सकता है. तीसरे फ्लोर पर रहने वाले परिवार की मां और बेटी सुरक्षित ठिकाने पर नहीं गई थीं जो मकान गिरने पर मलबे में फंस गईं.

मलबे से मां और बेटी को सुरक्षित निकालने के लिए जिला प्रशासन, पुलिस, फायर ब्रिगेड के साथ-साथ सेना के जवान भी जुटे हुए थे. घटनास्थल पर कानपुर के डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी और डीआईजी प्रीतिंदर सिंह रेस्क्यु ऑपरेशन की निगरानी कर रहे थे. डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी का पांव टूटा है और उनके पैर पर प्लास्टर चढ़ा है लेकिन फिर भी वो राहत और बचाव के काम की निगरानी करने खुद मौके पर पहुंच गए थे.

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हटिया बाजार के इस मकान में स्व. रामशंकर गुप्ता का परिवार रहता था. चार मंजिला मकान के थर्ड फ्लोर पर रामशंकर की पत्नी मीना गुप्ता (50), बेटी प्रीति गुप्ता (20), बेटे रिंकू और राहुल गुप्ता रहते थे. मकान के बाकी फ्लोर पर स्व. रामशंकर गुप्ता के भाई उमाशंकर, प्रेमशंकर और गणेश गुप्ता अपने परिवार के साथ रहते थे.

गुरुवार को सुबह से ही तेज बारिश हो रही थी जिससे मकान की ईंट गिरनी शुरू हो गई थी और मकान भी झड़ने लगा था. इस हालत को देखते हुए स्व. रामशंकर के बाकी भाइयों ने कहीं और रहने का इंतजाम कर लिया और रात आठ बजे मकान खाली कर परिवार के साथ निकल गए. 

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रात लगभग 9.10 बजे मीना का बेटा रिंकू दूध लेने के लिए निकला. वहीं मीना बच्चों के लिए खाना बनाने में लग गईं. इसी बीच मकान की ईंटे तेजी से गिरने लगी. लगभग सवा नौ बजे रिंकू चिल्लाते हुए बाहर की तरफ भागा. मीना और प्रीति मकान के अंदर ही फंस गए. रिंकू के बाहर निकलते ही मकान भरभरा कर ढह गया. उसकी आधी छत दूसरी मंजिल को छूती हुए लटक गई. 

पुलिस कंट्रोल रूम को घटना की जानकारी मिलते ही डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी, डीआईजी डा. प्रीतिंदर सिंह, एडीएम वीरेंद्र पाण्डेय, सिटी एसपी राजकुमार अग्रवाल समेत 5 सीओ और आधा दर्जन थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई. फायर ब्रिगेड को भी बुलाया गया.

फायर ब्रिगेड के जवान बड़ी सीढ़ियां लगाकर मकान के ऊपर पहुंचे, वहीं कुछ सिपाही दूसरे घरों की जुड़ी छतों से ऊपर पहुंचे. सकरी गली में मकान होने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही थी. जेसीबी को भी घटनास्थल तक लाने में एक घंटे से ज्यादा का समय लग गया. देर रात तक चले रेस्क्यू अभियान में दोनों को नहीं बचाया जा सका.

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