पैर टूटा होने के बावजूद खुद मां-बेटी के बचाव कार्य की निगरानी कर रहे थे डीएम

Smart News Team, Last updated: Fri, 14th Aug 2020, 9:19 AM IST
  • डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी का पांव टूटा है और प्लास्टर चढ़ा है लेकिन इस हालत में भी वो रेस्क्यु ऑपरेशन की देखरेख के लिए पहुंचे. फायर ब्रिगेड और सेना का ऑपरेशन है. एनडीआरएफ नहीं है. डीएम
पैर टूटा होने के बावजूद खुद मां-बेटी के बचाव कार्य की निगरानी कर रहे थे डीएम

कानपुर.  कानपुर में मकान के ढहने से दो महिलाओं की मौत हो गई. गुरुवार देर रात एक पुराने मकान के ढहने से मलबे में मां-बेटी फंस गए. घंटों चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी उन्हें नहीं बचाया  सका. मकान ढहने की खबर मिलते ही मौके पर पुलिस बचाव कार्य के लिए पहुंची. इस दौरान फायर ब्रिगेड और सेना की टीम जुटी थी. 

कानपुर के डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी और डीआईजी प्रीतिंदर सिंह पुलिस और प्रशासन के भारी दस्ते के साथ मौके पर पहुंचे थे और बचाव काम की निगरानी कर रहे थे. डीएम ब्रह्मदेव राम तिवारी का पांव टूटा रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौके पर मौजूद रहे. बता दें कि डीएम ब्रह्मदेव तिवारी का एक पैर टूटा हुआ था जिसपर प्लास्टर चढ़ा है लेकिन इस हालत में भी वो रेस्क्यु ऑपरेशन की देखरेख के लिए पहुंचे.

कानपुर में मकान गिरने से घंटा भर पहले मां-बेटी को छोड़ बाकी लोग दूसरी जगह चले गए

 

पैर टूटा होने के बाद भी घटनास्थल पर मौजूद रहे डीएम ब्रह्मदेव तिवारी

डीएम पांव टूटे होने और प्लास्टर चढ़े होने के बावजूद राहत और बचाव काम की निगरानी करने खुद पहुंचे. डीएम ब्रह्मदेव तिवारी घटनास्थल पर स्टिक के सहारे आए. वो घटनास्थल पर कुर्सी लगाकर बैठ गए. रेस्क्यू टीम मां-बेटी को बचाने में लगी थी और इसकी निगरानी खुद डीएम कर रहे थे.

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बता दें कि देर रात चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी मां- बेटी को नहीं बचाया जा सका. दोनों की मौत हो गई. दरअसल, मकान गिरने से वहां मलबा बेहद ज्यादा हो गया था. इस कारण फायर ब्रिगेड के साथ-साथ सेना को भी रेस्क्यू के लिए बुलाया गया. हालांकि फिर भी ज्यादा मलबा होने के कारण समय ज्यादा लगा और तब तक मलबे के नीचे फंसी दोनों महिलाओं ने दम तोड़ दिया.

 

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