कानपुर का ऐसा ठग जिसने लोन दिलाने के बहाने बनाया 300 लोगों को अपना शिकार
- कानपुर समेत कई जिलों में लोन का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह को पुलिस ने पकड़ा है.ये फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों से पैसे ऐंठा करते थे. सिर्फ कानपुर में ही इस गिरोह ने 300 लोगों को अपना शिकार बनाया है.

कानपुर. लोन दिलाने का झांसा देकर ठगी करने वाला गिरोह का भंडाफोड़ हुआ. कानपुर समेत कई जिलों में लोगों का झांसा देने वाले इस गिरोह सिर्फ कानपुर में ही 300 लोगों को अपना शिकार बना चुका है. पुलिस ने झांसा देने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. ये लोग फर्जी फाइनेंस कंपनी बनाकर लोगों से पैसे ऐंठा करते थे. पकड़े गए आरोपी सुल्तानपुर कानपुर और अन्य शहरों के रहने वाले हैं.
बीते दो सप्ताह से पुलिस के पास फाइनेंस कंपनी की शिकायतें आ रही थीं. जिसमें कहा गया था कि फाइनेंस कंपनी के लोग समूह बनाकर लोगों से फाइल चार्ज के नाम पर पैसे ऐंठ लेते हैं. सोमवार को देर रात में एसपी पश्चिमी के नेतृत्व में एसओजी प्रभारी ने पनकी इंडस्ट्रियल एरिया चौकी इंचार्ज के साथ मिलकर आरोपियों को भौती बाईपास से पकड़ा. एसपी के मुताबिक, आरोपी शहर छोड़ने की फिराक में थे. गिरफ्तार आरोपियों में सुल्तानपुर के कुडवार निवासी सचिन दुबे, सत्यम पांडे सुल्तानपुर निवासी, कानपुर देहात निवासी राजवीर सिंह, नीकेश कानपुर देहात, औरेया निवासी करन सिंह और आलोक मिश्रा हरदोई का रहने वाला था.
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पूछताछ में आरोपियों ने बताया सत्यम और आलोक आर-ओवन फाइनेंस में काम किया करते थे लेकिन गलत आचरण की वजह से उन्हें निकाल दिया गया था. इसके बाद उन्होंने अपने कुछ साथियों के साथ मिलकर फर्जी कंपनी खोली और जालसाजी शुरू कर दी. इसमें वे कम पढ़े-लिखे लोगों का समूह बनाते और मीटिंग करते. अपनी फर्जी आईडी दिखाकर लोगों को झांसे में ले लेते.
ये सरगना रजिस्ट्रेशन के नाम पर लोगों से 500 से दो हजार रुपए तक ले लेते थे. लोन के लालच में लोग अपना आधार कॉर्ड और पेन कॉर्ड भी इन लोगों को दे देते थे. रुपए लेने के बाद ये लोग दो सप्ताह के अंदर शहर छोड़कर फरार हो जाते थे. एसपी पश्चिमी ने बताया कि कानपुर के अलावा इन लोगों ने फतेहपुर, रायबरेली, हरदोई और लखीमपुर खीरी के लोगों को भी शिकार बनाया.
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इन आरोपियों के खिलाफ पनकी, बजरिया, अनवरगंज और बाबूपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज है. एसपी ने बताया, मोबाइल से खुलासा हुआ कि अकेले कानपुर में इस गिरोह ने 300 लोगों को अपना शिकार बनाया है. आरोपी अपना पैसा रिश्तेदारों के खातों में डालते थे. ऐसे 11 खाते सामने आए हैं जिनको पुलिस ने सीज कर दिया है. मोबाइल के जरिए दूसरे नेटवर्क को भी खोजा जा रहा है.
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