कोरोना निगेटिव को पॉजिटिव बनाने के फर्जीवाड़े का खुलासा, ज्ञान पैथोलॉजी लैब सील

Smart News Team, Last updated: Thu, 24th Sep 2020, 11:50 AM IST
  • कोरोना निगेटिव को पॉजिटिव बनाने के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. मरीज की शिकायत के बाद डीएम और सीएमओ ने छापेमारी की थी जिसके बाद गड़बड़ी पाए जाने पर ज्ञान पैथोलॉजी लैब को सील कर दिया गया था. 
कोरोना निगेटिव को पॉजिटिव बनाने के फर्जीवाड़े का खुलासा, ज्ञान पैथालॉजी लैब सील

कानपुर. कानपुर में मशहूर ज्ञान पैथालॉजी लैब में बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा था जिसका खुलासा होने पर लैब को सील कर दिया गया है. जांच में पता चला है जिन लोगों को लैब में टेस्ट के बाद कोरोना पॉजिटिव बताया गया था वो सरकारी जांच में निगेटिव निकले. ऐसे एक या दो नहीं बल्कि 30 केस सामने आए हैं. शिकायत के बाद लैब को सील कर दिया गया था जिसके बाद हुई छापेमारी में बड़े खुलासे हुए हैं.

एक मरीज की शिकायत के बाद 20 सितंबर को डीएम आलोक तिवारी और सीएमओ डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने स्वरूप नगर स्थित ज्ञान पैथालॉजी लैब पर छापा मारा था. शिकायतकर्ता मरीज को युगांडा जाना था. उसने लैब में जाचं कराई तो उसे कोरोना पॉजिटिव बताया गया. उसे कोई लक्षण भी नहीं था. उसने फिर दूसरी लैब में जांच करवाई जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. इसी के बाद उसने लैब की शिकायत की.

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मरीज की शिकायत के बाद डीएम लैब में जांच करने पहुंचे तो वहां कई मरीजों के नाम-पते और मोबाइल नंबर गलत दर्ज थे. डीएम आलोक तिवारी ने कहा कि गलत रिपोर्ट देना, पॉजिटिव मरीजों के पूरे एड्रेस न लिखना, ज्यादा पैसा लेना जैसी शिकायतें सही मिलीं तो लैब सील कर दी गई थी. 20 सितम्बर से तीन दिन पूर्व की सभी कोरोना जांचों के रिकार्ड लिए गए. कमेटी ने उन सभी मरीजों की दोबारा जांच की है. उसी जांच में 30 पॉजिटिव मरीज निगेटिव मिले हैं.

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सीएमओ को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है. वहीं ज्ञान पैथोलॉजी के संचालक, डॉ. अरुण कुमार ने कहा कि तीन दिन में पॉजिटिव मरीज निगेटिव हो जाते हैं. जांच रिपोर्ट आईसीएमआर की गाइडलाइन से मरीजों को दी जा रही है. जिस तरह दोबारा मरीजों की क्रास जांच की गई है, उसमें मानकों का पालन हुआ या नहीं, यह हम नहीं कह सकते हैं. फिर भी हम मानने को तैयार हैं कि डाटा फीडिंग में गड़बड़ी हो सकती है. रिपोर्ट में किसी तरह त्रुटि की गुंजाइश नहीं है.

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