कानपुर: शहर के पर्यटन पर कानपुर विश्वविद्यालय तैयार करेगा बुकलेट

Smart News Team, Last updated: Tue, 29th Sep 2020, 9:55 AM IST
  • कानपुर. विदेशी सैलानियों के बीच हमेशा से आकर्षण का केंद्र कानपुर बना रहा है, कानपुर में गुप्त कालीन भीतरगांव मंदिर प्राचीन कारीगरी का नमूना है. आजादी से पहले व अब तक की महत्वपूर्ण बातों का इसमें उल्लेख किया जाएगा.
कानपुर विश्वविद्यालय

कानपुर। कानपुर विश्वविद्यालय द्वारा शहर की संस्कृति एवं विरासत को लेकर जल्द ही एक बुकलेट तैयार किया जाएगा. इसमें शहर के तमाम चुनिंदा जगहों की संपूर्ण जानकारी होगी. आजादी से पहले व अब तक की महत्वपूर्ण बातों का इसमें उल्लेख किया जाएगा. धार्मिक स्थलों से लेकर सांस्कृतिक विरासत तक की आबोहवा को बुकलेट में समेटा आ जाएगा.

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता द्वारा कानपुर के पर्यटन पर बुकलेट बनाने की योजना बनाई गई हैं. उनका कहना है कि विदेशी सैलानियों के बीच कानपुर हमेशा से आकर्षण का केंद्र रहा है.

यहां का गुप्त कालीन भीतरगांव मंदिर प्राचीन कारीगरी का नमूना है, जबकि आजादी की लड़ाई का गवाह बिठूर भी खूब लुभाता है. शहर के पर्यटन पर विश्वविद्यालय एक बुकलेट बनाएगा.

वैश्विक अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का तीसरा स्थान

विश्व पर्यटन दिवस पर कुलपति ने बताया कि ईंधन व रसायन के बाद वैश्विक अर्थव्यवस्था में पर्यटन उद्योग का तीसरा स्थान है. वर्ष 2019 में वैश्विक व्यापार में पर्यटन क्षेत्र की सात फीसद भागीदारी थी. वैश्विक स्तर पर प्रत्येक 10 में से एक व्यक्ति को इस क्षेत्र में रोजगार मिला हुआ है. इस दौरान जम्मू कश्मीर, आगरा, जयपुर व नैनीताल जैसे पर्यटन स्थलों पर भ्रमण करके लौटे छात्र-छात्राओं ने फोटो के जरिए यात्रा वृत्तांत प्रस्तुत किया.

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कार्यक्रम में पर्यटन स्थलों की फोटो की गई साझा

ऑनलाइन कार्यक्रम में होटल मैनेजमेंट के छात्र रोचन पांडेय ने जम्मू कश्मीर, दीपल पाल ने ग्वालियर, यश वर्मा ने मनाली, इनायत अली भानगढ़, पल्लवी सचान ने चंडीगढ़ व एमबीए टूरिज्म के प्रखर सिह ने नैनीताल टूर के बारे में बताया. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने इन पर्यटन स्थलों की तस्वीरों व उनकी प्रसिद्धि के बारे में प्राप्त जानकारी साझा की.

इंस्टीट्यूट ऑफ होटल एंड टूरिज्म मैनेजमेंट विभाग के प्रभारी डॉ. विवेक सिंह सचान ने बताया कि भारत के दर्शनीय स्थलों को देखने प्रति वर्ष आने वाले सैलानियों की संख्या लगातार बढ़ रही है जिससे हमारा आर्थिक स्तर बढ़ा है.भारतीय संस्कृति व सभ्यता को दर्शाते विभिन्न रमणीय स्थल विदेशी मेहमानों के आकर्षण का केंद्र है.

 

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