फैक्ट्रियों से निकल रही तय मात्रा से अधिक मर्करी, कानपुर के लोग हो रहे बीमार

Smart News Team, Last updated: Sat, 23rd Jan 2021, 11:26 AM IST
  • कानपुर के चमड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले क्रोमियम व अन्य हानिकारक केमिकल न सिर्फ वहां की जमीनी पानी (जल स्तर) और मिट्टी को जहरीला बना रहा है. बल्कि लोगों के खुन में भी घुलकर उनको बिमार कर रहा है. 
फैक्ट्रियों से निकल रही तय मात्रा से अधिक मर्करी

कानपुर. कानपुर का चमड़ा उद्योग तो यूपी की आर्थिक राजधानी बनाने में सहयोग तो कर रहा है, लेकिन वहीं फैक्ट्रियों में इस्तेमाल होने वाले हानिकारक केमिकल वहां के लोगों की सेहत के लिए बेहत खतरनाक साबित हो रहा है. जिससे लोगों को इसकी कीमत अपने सेहत से चुकानी पड़ रही है. कानपुर के चमड़ा उद्योग में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होने वाले क्रोमियम व अन्य हानिकारक केमिकल न सिर्फ वहां की जमीनी पानी (जल स्तर) और मिट्टी को जहरीला बना रहा है. बल्कि लोगों के खून में भी घुलकर उनको बिमार कर रहा है. 

राखी मांडी, रानिया कानपुर नगर के लोगों के खून में क्रोमियम और मर्करी की मात्रा पाई गई है. इसका खुलासा वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टॉक्सिकोलॉजी रिसर्च के संयुक्त अध्ययन में हुआ है.

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उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कानपुर के चमड़ा उद्योग में होने वाले प्रदूषण से संबंधित मामले में (सीएसआइआर) (आईआईटीआर) के अध्यक्ष सहित समग्र रिपोर्ट पेश की है. एनजीटी प्रमुख जस्टिस एके गोयल की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष पेश रिपोर्ट में कहा गया है कि राखी मांडी, (रानिया कानपुर नगर के लोगों के खून के नमूने लेकर सीएसआईआर) और (आईआईटीआर) ने जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. 

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जांच में पता चला कि लोगों के खून में क्रोमियम और मर्करी की मात्रा तय मानक से कई गुना अधिक है. नमूने की जांच में प्रति एमएल खून में 95.200 एमजी तक क्रोमियम और 2.151 एमजी तक मर्करी पाया गया है. जबकि तय मानक के हिसाब से लोगों के प्रति एमएल खून में क्रोमियम 0.019 एमजी तक और मर्करी 0.100 एमजी से अधिक नहीं होनी चाहिए. इसके लिए मई 2020 में 40 लोगों के खून के नमूने की जांच की गई थी.

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