कानपुर मेडिकल कॉलेज में जेआर की हड़ताल, ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीज परेशान

ABHINAV AZAD, Last updated: Fri, 3rd Dec 2021, 4:59 PM IST
  • कानपुर में जूनियर रेजीडेन्ट (जेआर) की राष्ट्रव्यापी हड़ताल में जेआर-टू के समर्थन में जेआर-थ्री भी शामिल हो गए. इस वजह से एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
(प्रतीकात्मक फोटो)

कानपुर. शुक्रवार सुबह से जूनियर रेजीडेन्ट (जेआर) की राष्ट्रव्यापी हड़ताल आक्रामक हो गई. दरअसल, शुक्रवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में जेआर-टू के समर्थन में जेआर-थ्री भी हड़ताल में शामिल हो गए. अब इस वजह से एलएलआर (हैलट) एवं संबद्ध अस्पतालों में मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि, कंसल्टेंट ओपीडी में मरीजों का इलाज करते रहे. जेआर ने ओपीडी का पंजीकरण काउंटर आधा घंटे के लिए बंद करा दिया, जिसे एलएलआर अस्पताल (हैलट) के प्रमुख अधीक्षक के हस्तक्षेप पर दोबारा खोला गया.

बताया जा रहा है कि एलएलआर इमरजेंसी में सेवाएं बहाल रहीं. इस वजह से मरीजों को थोड़ी राहत जरूर मिली. वहीं इमरजेंसी और आइसीयू में इलाज की कमान सीनियर रेजीडेन्ट संभालते रहे. बताते चलें कि मेडिकल कॉलेज के 250 जेआर शांतिपूर्ण प्रदर्शन और ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार कर रहे हैं. इस हड़ताल का यह सांतवा दिन है. इमरजेंसी के बाहर धरने पर बैठे जेआर का कहना था कि जहां एक तरफ कहा जाता है कि देश में डाक्टरों की कमी है, वहीं दूसरी तरफ 40 से 50 हजार डाक्टर अपनी सेवाएं देने के लिए तैयार हैं.

कानपुर- प्रयागराज हाईवे पर रोडवेज बस पलटी, 4 लोग घायल, मवेशी को बचाने में हुआ हादसा

एलएलआर अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या के मुताबिक, इमरजेंसी सेवाएं पूरी तरह से बहाल हैं. ओपीडी का जेआर ने बहिष्कार किया है. हालांकि कंसल्टेंट के साथ सीनियर रेजीडेन्ट, नान पीजी जूनियर रेजीडेन्ट और इंटर्न छात्र-छात्राएं ओपीडी व इनडोर की व्यवस्था संभालने हुए हैं. इमरजेंसी में सिर्फ गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जा रहा है. उन्होंने आगे बताया कि अतिरिक्त नर्सिंग स्टाफ की तैनाती भी की गई है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें