कानपुर: मलबे में दबने से टूटी मां बेटी की हड्डियां, अत्यधिक रक्तस्राव से हुई थी

Smart News Team, Last updated: Sat, 15th Aug 2020, 9:20 AM IST
  • भाई के मकान ढहने के बाद भी नहीं चेते लोग. मलबे में दबने से मां-बेटी के शरीर के अंदर के सभी अंग भी बुरी तरह हो गए थे डैमेज. मां बेटी की हड्डी टूटने से मलबे से निकल पाने में रही है असमर्थ.
प्रतिकात्मक चित्र 

कानपुर. मूलगंज थाना क्षेत्र के हटिया बाजार स्थित चार मंजिला इमारत के मलबे में दबकर मां मीना गुप्ता और बेटी प्रीति की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम के बाद स्थिति साफ हो पाई. पोस्टमार्टम में आई रिपोर्ट के अनुसार मां मीना गुप्ता और बेटी प्रीति के सिर, पीठ, हाथ व पैर की हड्डियां टूट गई थीं. इसी वजह से उनकी मौत हुई. शुक्रवार शाम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आए. दोपहर बाद करीब तीन बजे मां-बेटी के शव को घर लाया गया. शाम को अंतिम संस्कार हुआ.

बारिश के चलते गुरुवार रात करीब सवा नौ बजे करीब सौ साल पुरानी चार मंजिला जर्जर इमारत भरभराकर ढह गई. तीसरी मंजिल पर रहने वाली 50 वर्षीय मीना गुप्ता और उनकी 20 वर्षीय बेटी प्रीति की मलबे में दबकर मौत हो गई थी.

अचानक भरभरा कर गिरे मलबे से उनके सिर व हाथ की हड्डियां टूट गई. जिससे वह उठ नहीं पाई. सिर में व हाथ पैर की हड्डियों के टूटने से वह मलबे दबी रह गई. सिर में चोट लगने से खून बह जाने के कारण वह बेहोश हो गई, जिससे मदद के लिए किसी को आवाज भी नहीं लगा सकी. मलबा इतना ऊंचा था की आवाज आनी मुश्किल थी.

पिता रामशंकर गुप्ता की पिछले वर्ष दीपावली पर मौत होने के सदमे से दोनों अभी उबर भी नहीं पाए थे कि मां और बहन की मौत से वह बेहाल हो गए. वह रोते हुए यही कहते रहे कि भगवान ने सबकुछ छीन लिया. मां और बहन चली गई और आशियाना भी नहीं बचा. अब कहां सहारा मांगें. ताऊ के परिवार से पहले से ही संपत्ति को लेकर विवाद था. उन्नाव से आई मीना को उसके मायके वाले ही उन्हें सहारा देने की कोशिश करते रहे.

शाम को पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि ऊंचाई से गिरने और मलबे में दबने से मीना और प्रीति का पूरा शरीर बुरी तरह कुचल गया था. हड्डी, फेफड़े व हृदय आदि सभी अंग डैमेज हो गए और शरीर के अंदर अत्यधिक रक्तस्राव से उनकी मौत हुई.

पिछले साल भाई का मकान गिरने बाद भी नहीं नहीं चेते लोग

जिस मकान के गिरने से इतना बड़ा हादसा हुआ. उसके ठीक बगल वाला मकान राहुल के ताऊ उमाशंकर गुप्ता का है. पिछले वर्ष यह दो मंजिला मकान भी गिरकर तबाह हो गया था. इस दौरान मकान में रहने वाले एक किरायेदार का परिवार अंदर फंस गया था जिसे फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने रेस्क्यू करके बाहर निकाला था. उस हादसे के बाद भी उमाशंकर के भाइयों और भतीजों ने सबक नहीं लिया और गुरुवार रात मां-बेटी की जान चली गई.

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