कानपुर: गैर शरई है बिना हलाला निकाह, मुफ्तियों ने इसे माना लिव इन रिलेशनशिप

Smart News Team, Last updated: Mon, 10th Aug 2020, 12:39 AM IST
  • कानपुर: मुफ्तियों ने बिना हलाला के निकाह को लिव-इन रिलेशनशिप माना, बिना हलाला के निकाह को मुफ्तियों ने गैर इस्लामी करार दिया -तीन तोहर में तलाक देने के बाद सिर्फ निकाह से ही नहीं हो सकती वापसी, स्वाभाविक हलाला जरूरी
प्रतीकात्मक तस्वीर

कानपुर। तीन तलाक मामले के बाद हलाला को लेकर मुस्लिम संप्रदाय में भ्रांतियां फैलनी शुरू हो गई है. इस पर मुफ्तियों के एक पैनल ने फतवा भी जारी कर दिया है.

दरअसल महिला शरई कोर्ट में एक मामला आया था जिसमें पति ने पत्नी को तलाक देने के बाद दूसरा निकाह किया था. पति ने जिसे तलाक दिया था बाद में उसे अपना लिया और शरई नियमों का पालन नहीं किया.

बाद में संपत्ति को लेकर दोनों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया जिस पर पति ने दोबारा उसे तलाक दे दिया. वहीं बिना हलाला के साथ रहने के चलते मामला महिला शरई कोर्ट पहुंचा तब कोर्ट के प्रवक्ता ने मुफ्तियों से फतवा मांगा ताकि फैसला सुनाने में समस्या ना हो

बिना हलाला के निकाह को लेकर इस समय मुफ्तियों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है. अलग-अलग धर्मगुरु इसे लेकर अपने अलग-अलग मत प्रकट कर रहे हैं.

कुछ धर्मगुरुओं ने बिना हलाला के निकाह को लिव इन रिलेशनशिप की संज्ञा दी है. वहीं कुछ ने इसे गैर शरई बताया है. धर्मगुरुओं ने बिना हलाला के निकाह को गैर-इस्लामिक करार दिया है. हालांकि अभी कई और अन्य मुफ्तियों के बयान आने बाकी हैं.

महिला शरई कोर्ट के प्रवक्ता हाजी मोहम्मद सलीम ने बताया कि अभी तक जिन तीन मुफ्तियों और जानकारों के फ़तवे व टिप्पणी सामने आई हैं.

उन्होंने इसे लिव इन रिलेशनशिप जैसा मामला माना है. शरीयत में इसे अवैध माना गया है. यानी बिना हलाला के अगर कोई निकाह करता है तो यह पूरी तरह से इस्लाम के खिलाफ है.

यह अवैध है. साथ ही यह भी कहा कि जब रिश्ता ही पूरी तरह अवैध है तो वापसी के बाद तलाक का कोई अर्थ नहीं रह जाता.

उन्होंने आगे बताया कि अभी हनफी मसलक के कुछ और मुफ्तियों के फ़तवे आने के बाद फैसला होगा. जिसमें समय लग सकता है. मसलक अहले हदीस के हाजी मोहम्मद इकबाल का कहना है कि यदि पति ने पूर्व में एक बार में तीन तलाक दी है और निकाह करके पहली बीवी की वापसी करता है तो यह इस्लाम में कुबूल है इसकी गुंजाइश की जाती है लेकिन तीन तोहर अर्थात रुक-रुक कर तीन चरणों में तलाक देने के बाद सिर्फ निकाह से ही वापसी नहीं हो सकती. इसके लिए व्यक्ति को स्वाभाविक हलाला करना पड़ेगा.

जानबूझकर किसी दूसरे से शादी कर फिर अगले दिन तलाक देकर पूर्व पति के साथ ही निकाह कर लिया जाए तो इसे स्वाभाविक हलाला नहीं कहा जा सकता. हलाला पूरी तरह गलत है इसे इस्लाम में इसे गुनाह माना गया है.

यदि सामान्य तौर पर किसी ने दूसरी शादी कर ली और बाद में तलाक हो गया तो वह महिला पहले पति से निकाह कर सकती है.

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