कानपुर: अब बारिश नहीं बनेगी पनकी से अलीगढ़ के बीच ट्रेनों की रफ्तार में बाधक
- कानपुर के पनकी से अलीगढ़ के बीच रेलवे ट्रैक पर दौड़ने वाली ट्रेनों की रफ्तार अब बारिश में धीमी नहीं होगी. क्योंकि अब पनकी से अलीगढ़ तक रेल लाइनों में ऑडियो फ्रीक्वेंसी ट्रैक सर्किट (एएफटीसी) के साथ ही मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एमएसडीएसी) लगा दिए गए हैं.

यूपी के उत्तर मध्य रेलवे प्रयागराज मंडल ने आज एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है. पनकी से अलीगढ़ तक रेल लाइनों में ऑडियो फ्रीक्वेंसी ट्रैक सर्किट (एएफटीसी) के साथ ही मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर (एमएसडीएसी) लगा दिए गए हैं. एकदिल-इटावा खंड का कार्य पूरा करने के साथ ही पनकी-अलीगढ़ की रेलवे लाइन में 403 ट्रैक सेक्शनों पर ड्यूल डिटेक्शन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है. इससे यात्री भी गंतव्य स्थान पर समय से पहुंच सकेंगे और ट्रेनों के लेट न होने से खर्च भी घटेगा.
दरअसल इससे पहले मानसून के दौरान रेलवे ट्रैक पर बारिश के कारण पानी भर जाने से ट्रेनों की रफ्तार धीमी पड़ जाती थी. लेकिन अब कोई दिक्कत नहीं आएगी. इसका न तो ट्रेनों की रफ्तार पर असर पड़ेगा और न ही इस वजह से ट्रेनों को रोकने की नौबत आएगी. अगर ट्रैक पर पानी भरा होगा तो भी इसके जरिए सिग्नल सिस्टम प्रभावित नहीं होगा और यह पता चलता रहेगा कि ट्रैक समेत अन्य संयंत्रों की स्थिति कैसी है.
मंडलीय सिग्नल इंजीनियर नीरज यादव ने बताया कि मल्टी सेक्शन डिजिटल एक्सल काउंटर एक प्रकार का सेंसर है जिसका उपयोग पूरे स्टेशन या रेलवे लाइन को ट्रैक करने के लिए बनाया जाता है. प्रत्येक डिटेक्शन में एक ट्रैक सेंसर होता है जो बारिश, पानी या जलभराव की स्थिति का फौरन पता लगा लेता है. साथ ही ट्रैक प्रभावित न होने की जानकारी भी देता है. इसे ऑटो री-सेट भी किया जा सकता है. वर्ष 2018 में 43.77 करोड़ रुपए इस परियोजना के लिए रेलवे के सिग्नल एवं टेलीकॉम को आवंटित किए गए थे.
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