कानपुर: बिकरू गांव में नहीं हुई राशन की दुकान आवंटन के लिए खुली बैठक
- ग्राम प्रधानों के अनुपस्थिति के चलते नहीं हो सकी खुली बैठक. ग्राम प्रधान के बिना बैठक आयोजित कराने को लेकर सीडीओ को भेजी गई थी रिपोर्ट. सोमवार को बिकरू और भीटी गांव में राशन की दुकान के आवंटन के लिए होनी थी खुली बैठक.

कानपुर। कानपुर के बिकरू और भीटी में सोमवार को राशन की दुकान के आवंटन के लिए होने वाली खुली बैठक स्थगित कर दी गई. माना जा रहा था कि इन दोनों जगहों पर विकास दुबे के लोगों का कब्जा था. विकास दुबे के लोग ही इन दोनों स्थानों पर सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाते थे जिसके चलते प्रशासन ने खुली बैठक कर महिला समूहों को राशन की दुकान चलाने के लिए प्रस्ताव बनाया था.
प्रशासन द्वारा इन दोनों क्षेत्रों के आसपास में संचालित होने वाले सभी महिला समूहों की सूची मांगी गई थी. ब्लॉक स्तर पर चल रहे सभी महिला समूहों की सूची भी अधिकारियों ने बनानी शुरू कर दी थी.
ज्ञात हो कि प्रशासनिक समिति का गठन नहीं होने के चलते खुली बैठक स्थगित कर दी गई जिसके चलते गांव के लोगों के हाथ में मायूसी लगी. ग्रामीणों में उत्साह था कि वह अपने मनपसंद राशन दुकानदार को चुन सकेंगे.
शिवराजपुर विकास खंड अधिकारी आलोक पांडेय ने बताया कि बिना प्रधान के बैठक नहीं किया जा सकता है. यदि बिना प्रधान के खुली बैठक बुलाई जाती है तो इसके से लिए कमेटी का गठन किया जाता है. बैठक हेतु सीडीओ कार्यालय को पत्र भेजा गया है लेकिन अभी तक कोई आदेश नहीं आया है. इस कारण बैठक को स्थगित कर दिया गया.
बिकरू की प्रधान अंजली दुबे से कोई संपर्क नहीं हो सका है जिसके चलते बैठक नहीं हो सकी. अंजली विकास दुबे के छोटे भाई की पत्नी हैं. वहीं भीटी गांव के प्रधान विष्णु पाल सिंह उर्फ जिलेदार यादव बिकरू कांड में नामजद होने के चलते फरार चल रहे हैं.
जब तक कोई सदस्य उनकी जगह नॉमिनेट नहीं होगा, तब तक बैठक नहीं हो सकेगी. ग्राम प्रधानों के मौजूद नहीं होने के चलते यह बैठक स्थगित कर दी गई है.
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