कानपुर राम लीला: इस बार जलने से पहले रोएगा 90 फीट का रावण, जानें और क्या होगा विशेष

Uttam Kumar, Last updated: Fri, 8th Oct 2021, 5:41 PM IST
  • कानपुर में परेड ग्राउंड में दहन किया जाने वाला रावण का पुतला हर बार लोगों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है. परेड ग्राउंड में दशहरे के दिन रावण के साथ मेघनाथ और कुम्भकर्ण का पुतला भी जलाया जाता है. इस बार के दशहरे के लिए रावण का पुतला 90 फीट का होगा. विशेष बात यह है कि इस बार रावण का पुतला जलने से पहले रोएगा भी.
कानपुर परेड ग्राउंड में रावण का 90 फीट का पुतला जलने से पहले रोएगा.

कानपुर. कानपुर में परेड ग्राउंड में होने वाला रामलीला का विशेष महत्व है. इसके साथ ही यहां दहन किया जाने वाला रावण का पुतले भी हर बार शहरवासियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है. परेड ग्राउंड में सिर्फ रावण ही नहीं बल्कि मेघनाथ व कुम्भकर्ण का पुतला भी जलाया जाता है. सबसे अनोखी बात है परेड ग्राउंड में होने वाला रामलीला हिंदू-मुस्लिम सद्भाव की मिसाल पेश कर रहा है. यहां जलने वाला रावण का पुतला एक मुस्लिम परिवार  द्वारा बनाया जाता है. 

पुतला बनाने वाले सलीम खां के अनुसार इस बार परेड ग्राउंड में 90 फिट लंबे रावण का पुतला दहन किया जाएगा. पुतले को रिमोट से जलाया जाएगा. सबसे अनोखी बात इस बार यह है कि पुतला दहन होने से पहले रावण रोता हुआ नजर आएगा. साथ ही रावण की नाभि से अमृत बहेगा. उन्होंने बताया कि हर बार की तरह परेड ग्राउंड में रावण के साथ कुम्भकर्ण और मेघनाथ का पुतला भी तैयार किया जा रहा है. जिनकी लंबाई क्रमश 85 व 80 फीट होगी.

कानपुर  परेड ग्राउंड में हर साल जलने वाला रावण के पुतला एक मुस्लिम परिवार द्वारा बनाई जाती है. मुस्लिम परिवार द्वारा पुतला बनाने का सिलसिला आज़ादी के पहले से चला आ रहा है. रावण का पुतला तैयार करने वाले सलीम खां के अनुसार 141 साल से उनकी तीन पीढ़िया इस काम को कर रही है.  

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सलीम खां बताते है कि 141 साल पहले 1877  में जब पहली बार परेड ग्राउंड में रामलीला का आयोजन किया जा रहा था, तब अंग्रेज अफसरों ने इसका विरोध किया था. लेकिन, इसके बावजूद परेड ग्राउंड में रामलीला का सफल आयोजन किया गया था. उस समय पहली बार सलीम खां के दादा दादा अशरफ ने रावण का पुतला तैयार किया था. दादा जी के बाद पिता जी ने यह काम संभाला और आज उनकी तीसरी पीढ़ी इस काम में जुटी है.

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