कानपुर: शिकायत लेकर थाने पहुंची युवती ने पुलिस पर लगाया अभद्रता का आरोप

Smart News Team, Last updated: Sat, 15th Aug 2020, 8:30 AM IST
  • कानपुर पुलिस पर आरोपों की झड़ी लग गई है. इस बार गोविंद नगर थाने में तैनात प्रभारी पर एक युवती ने आरोप लगाया है कि वह मारपीट की शिकायत लेकर थाने पहुंची, तो पुलिस ने उसके साथ अभद्रता की. हालांकि पुलिस ने इस पर सफाई भी पेश दी है.
प्रतीकात्मक तस्वीर 

कानपुर: कानपुर पुलिस के ऊपर आरोपों की झड़ी लग गयी है. इनके ऊपर कभी अपराधियों के साथ साठ-गांठ का, तो कभी पीड़ित संग दुर्व्यवहार करने के आरोप लग रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कानपुर के गोविंद नगर थाने में प्रकाश में आया है, जहां पर एक युवती ने पुलिस पर अभद्रता करने के गंभीर आरोप लगाये हैं. युवती ने आरोप लगाया है कि जब वह अपने साथ हुई मारपीट की घटना की शिकायत करने गोविंद नगर थाने पहुँची तो इंस्पेक्टर अनुराग मिश्रा ने उससे कहा कि पहले डांस कर के दिखाओ. युवती के आरोप का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने पूरे मामले पर अपनी तरफ से सफाई पेश करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

युवती के इस आरोप पर सफाई देते हुए पुलिस ने कहा कि वीडियो में दिख रही युवती खुशबू व उसकी मां चन्दा तथा पिता सोनू गुप्ता उर्फ बोतल द्वारा दबौली पश्चिम स्थित एक मकान बीएसयूपी पर अवैध रूप से कब्जा किया गया है. जिसको लेकर मकान मालकिन मिथलेश कुमारी से इनका विवाद है तथा दस मार्च 2020 को इस मकान पर दोनों पक्षों ने अपने-अपने ताले डाल दिये. इसी ताले को सात अगस्त, 2020 को देर शाम समय लगभग 8: 30 बजे खुशबू, उसकी मां चन्दा व उसके भाई रवि व कृष्णा आदि तोड़ रहे थे, जिसपर बगल में रहने वाली शिवानी सिंह पत्नी सर्वेश सिंह द्वारा मना किया गया. ना मानने पर शिवानी सिंह उसे लेकर चौकी आयी थी और पुलिस को सूचना दी गयी.

पुलिस द्वारा सभी का नियमानुसार मेडिकल कराया गया है. मेडिकल रिपोर्ट के सामने आने के बाद युवती खुशबू की चोटें संदिग्ध पाई गयी व खुद की गई, प्रतीत हुई. इसके बाद ससम्मान महिला कांस्टेबल के साथ उसे घर भिजवाया गया.

पुलिस का कहना है कि आरोपी अनूप यादव मकान मालकिन मिथलेश कुमारी का भतीजा है, जो विवादित मकान के देखरेख करता है. वह दस मार्च 2020 को विवादित मकान पर ताला आदि डालने में सक्रिय रूप से सम्मिलित था. युवती खुशबू द्वारा उसके विरूद्ध झूठा अभियोग पंजीकृत कराने तथा इसके लिये स्थानीय थाने पर दबाव बनाने के उद्देश्य से यह झूठा वीडियो सुनियोजित तरीके से वायरल किया गया है.

पुलिस में इस मामले पर अपनी सफाई तो दे दी है लेकिन वास्तव में इसकी सच्चाई क्या है, यह तो एक जाँच का विषय है.

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