कानपुर की धागा कंपनी को नाइजीरियन ठग ने लगाया 2.5 करोड़ का चूना

Mithilesh Kumar Patel, Last updated: Wed, 15th Sep 2021, 5:51 PM IST
  • कानपुर स्थित एक धागा कंपनी के साथ ढाई करोड़ रूपए ठगी का मामला सामने आया है. इस ठगी का मास्टरमाइंड पिछले डेढ़ साल साल से भारत में रह रहे नाइजीरियन रॉबर्ट ओटूजेमे का नाम सामने आया है. रॉबर्ट का पासपोर्ट खो गया है और उसके वीजा की समयावधि समाप्त हो गयी है.
फाइल फोटो : कानपुर के धागा कंपनी को नाइजीरियन व्यक्ति ने बनाया साइबर ठगी का शिकार(प्रतिकात्मक फोटो)

कानपुर. यूपी के कानपुर में एक धागा कंपनी के साथ नाइजीरियन और उसके गिरोह ने मिलकर ढाई लाख रुपये की ठगी की है. धागा कंपनी ने गिरोह के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इस बीच बरेली पुलिस ने नाइजीरियन साइबर ठगी को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में कानपुर में ठगी की बात सामने आई तो बरेली पुलिस ने कानपुर पुलिस से संपर्क किया. दूसरी ओर बरेली पुलिस ने आरोपी नाइजीरियन को कोर्ट में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया.

गौतरलब है कि आरोपियों ने धागा कंपनी की इमेल हैक कर उसके लेटर पैड का इस्तेमाल किया. इस मेल से कानपुर स्थित HDFC बैंक को संदेश भेजा गया कि धागा कंपनी के खाते से कई दूसरे खातों में पैसा भेजा जाए. HDFC बैंक ने मेल के आधार पर कंपनी के खाते से करोड़ों रुपए कई लोगों के खाते में भेज दिए. कंपनी के अधिकारियों को जब भनक लगी तो स्वरूपनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई. केस होने के बाद कानपुर पुलिस ने जांच शुरू की.

बरेली से एसपी देहात राजकुमार अग्रवाल ने इस मामले में बताया कि इस साइबर ठगी में कानपुर कनेक्शन आने पर वहां की पुलिस से संपर्क किया गया. एसपी देहात ने बताया कि अब पूरा कनेक्शन समझने के लिए एक टीम कानपुर भेजी गई है. जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे. उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच कराई जाएगी.

ठगी को अंजाम देने वाला नाइजीरियन रॉबर्ट ओटूजेमे अवैध तरीके से भारत में रह रहा था.

पकड़ गए नाइजीरियन युवक रॉबर्ट ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसका पासपोर्ट खो गया है. वह डेढ़ साल पहले भारत आया था. राबर्ट के वीजा की समयावधि केवल छह महीने की थी जो अब अवैध हो गयी है. फिलहाल अवैध रूप से भारत में रह रहे राबर्ट के ऊपर विदेशी अधिनियम के तहत भी केस दर्ज कर दिया गया है.

पूरी रकम ट्रेस करने में लगेगा वक्त

कानपुर पुलिस से मिली साइबर ठगी की जानकारी के बाद बरेली पुलिस की क्राइम ब्रांच पूरे प्रकरण की जांच कर रही है. अभी तक की जांच के मुताबिक अंदेशा है कि ढाई करोड़ रुपये 20 से अधिक खातों में ट्रांसफर किए गए हैं. आशंका जताई जा रही है कि ये खाते फेक आईडी पर बैंक में होंगें. तब भी पुलिस खातों का सत्यापन करवा रही है.

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