कानपुर : कछुआ तस्कर गिरोह के दो बदमाश गिरफ्तार, 1300 जिंदा कछुए बरामद

Smart News Team, Last updated: Sun, 7th Feb 2021, 9:19 AM IST
  • सूचना पर एसटीएफ कानपुर ने रामादेवी फ्लाईओवर से एक ट्रक को पकड़ा था। तलाशी के दौरान ट्रक में कछुए मिलने पर पुलिस ने जब पूछताछ की तो मालूम हो कि ये कछुए इटावा से कोलकाता भेजे जा रहे थे। पुलिस ने ट्रक चालक और मालिक को अरेस्ट कर लिया है। बरामद कछुए दुर्लभ सिंदूरी प्रजाति के हैं, जो सिर्फ चंबल नदी में ही पाए जाते हैं।
गिरफ्तार कछुआ तस्कर और बरामद कछुए। 

कानपुर : रामादेवी फ्लाईओवर पर शनिवार को एसटीएफ ने कछुओं की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह के दो बदमाशों को दबोचा है। यह लोग एक ट्रक से कछुओं की तस्करी कर रहे थे। इसमें से 1300 जिंदा कछुए बरामद हुए हैं। यह कछुए इटावा से कोलकाता ले जाए जा रहे थे।

वहां से इन कछुओं को बांग्लादेश व म्यांमार के रास्ते चीन, हांगकांग और मलेशिया आदि देशों में सप्लाई किया जाता है। गिरोह में इटावा, औरैया, कन्नौज, फर्रुखाबाद, एटा और मैनपुरी के बीस से अधिक लोग शामिल हैं। एसटीएफ सीओ तेज बहादुर सिंह ने बताया कि ट्रक मालिक विनोद कुमार सविता व चालक रामबेश यादव को गिरफ्तार किया गया है।

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दोनों मैनपुरी के कुरावली थाना क्षेत्र के सरीफपुर के रहने वाले हैं। ये गिरोह पिछले डेढ़ दशक से कछुओं की तस्करी कर रहा है। जांच में पता चला कि बरामद कछुए दुर्लभ सिंदूरी प्रजाति के हैं जो खासकर चंबल नदी में ही पाए जाते हैं। मैनपुरी के धर्मेंद्र, इटावा के देवेंद्र सिंह उर्फ सीटू, फिरोजाबाद के सिरसागांव के गजेंद्र और औरैया अछल्दा का राजकुमार सरगना के तौर पर गिरोह संचालित कर रहे हैं। इसके अलावा आसपास के छह सात जिलों के बीस से अधिक लोग गिरोह से जुड़े हैं। एक कछुए की कीमत करीब 50 हजार है जिसे आगे 80 हजार से एक लाख रुपये तक में बेचा जाता है।

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