कानपुर में डेंगू और वायरल बुखार का बढ़ता कहर, 6 की मौत, 36 अस्पताल में भर्ती
- इन दिनों ज्यादातर ग्रामीण डेंगू और वायरल बुखार के कहर से तंग हैं. इससे कानपुर के कई गांव भी अछूते नहीं रहे. 2600 आबादी वाले कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में 200 से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में हैं गांव की मुखिया आपबीती सुनाते-सुनाते भावुक हो गई. गांव में डेंगू और वायरल बुखार का 35 घरो पर कहर बरपा है. इन बीमारियों से 6 ग्रामीणों की मौत और 6-7 लोगों की गंभीर स्थिति बनी हुई है.

कानपुर: कानपुर के कुरसौली गांव में मंगलवार को ग्राम प्रधान फूल कुमारी डेंगू से बेहाल गांववासीयों की समस्याएं गिनाते-गिनाते भावुक हो गई. रोते रोते कहने लगी भईया, हमाई बिटिया का डेंगू लील गा, दुई अस्पताल में परी हैं. अइस आफत हमार गांव मा कबहूं न आई रहे. एक होए तो कहा जाए, हिन तो घर-घर मा बीमार परे हैं. आगे उन्होंने कहा कि कउनो सुनै वाला नाही, कहीके पास जाकर टेसुआ बहाई. 2600 आबादी वाले कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में 200 से अधिक लोग इस बीमारी के चपेट में हैं. जिससे 6 की मौत और 36 अस्पताल में भर्ती हैं
जायजा लेने पहुचे सचिव को सुनाया गांव का हाल
कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में वायरल बुखार और डेंगू से गांववासी बेहाल हैं. कुछ दिन पहले हीं प्रमुख सचिव अनिल गर्ग अपने टीम के साथ गांव पहुचकर ग्रामीणों का जायजा लिया था. टीम गांव की मुखिया फूल कुमारी से मिलकर लौट रही थी तब रास्ते में ही मुखिया के पति हरीशंकर कुरील मिल गए. वह अस्पताल से वापस घर लौट रहे थे. और टीम को ब्यथा सुनाते सुनाते काफी भावुक हो गए और कहने लगे कि अब तीन में से अब दो ही बेटीयां बची हैं. एक की डेंगू की वजय से मौत हो गई बाकी संजोली और संगीता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया है.
कहर इतना कि पड़ोसी कर रहे खाने-पीने बंदोबस्त
एक अन्य ग्रामीण चंद्रशेखर तिवारी बताते हैं कि हमरे घर मा बुखार आफत बनिके आवा है. हमार तो घरै खाली हुई गा. पहले हम, फिर बेटवा, बहुरिया और अब घरवाली, सबै बीमार पडिग़े. बेटवा आ गा, बहुरिया नर्सिंग होम मा परी है. हमईं घर मा रहि गए हन। बेटे को मंगलवार को ही छुट्टी मिली है. खाने-पीने का बंदोबस्त पड़ोसी कर रहे हैं. कमोवेश यही हाल ज्यादातर घरो की है. ओमप्रकाश बताते हैं कि वह भी घर पर अकेले रहते हैं. दो साल पहले उनके पत्नी का देहांत हो चुका है. उनकी तीनों बेटियां डेंगू और वायरल बुखार की चपेट हैं और उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. इकलौता बेटा अपनी बहनों का देखभाल कर रहा है. घर में रोटी बनाने वाला कोई नहीं है, पड़ोसी खाना पहुंचा रहे हैं.
गांव में 200 से अधिक लोगो का चल रहा ईलाज
लगभग 2600 आबादी वाले कुरसौली गांव में 200 से अधिक लोग बीमार हैं. ग्रामीणों के मुताबिक सीएमओ डा. नैपाल सिंह को समस्या बताई गई, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. सोमवार को प्रमुख सचिव निरीक्षण करने आए तो आंकड़ों को छिपाने का खेल शुरू कर दिया. उन्हें सिर्फ डेंगू पीडि़तों के घर ले जाया गया. हालांकि प्रमुख सचिव ने ग्राम विकास अधिकारी शालिनी मिश्रा को निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया था. ग्राम विकास अधिकारी की तरफ से सूची में सिर्फ 33 मरीजों के निजी असपताल में भर्ती होने की खबर आयी है. सीएमओ को इन सभी का जायजा लेना था लेकिन एसीएमओ ने सिर्फ दो ही निजी अस्पतालों का भ्रमण किया. शाम तक गांव से तीन और मरीजो के निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर सामने आयी.
कानपुर: कानपुर के कुरसौली गांव में मंगलवार को ग्राम प्रधान फूल कुमारी डेंगू से बेहाल गांववासीयों की समस्याएं गिनाते गिनाते भावुक हो गई. रोते रोते कहने लगी भईया, हमाई बिटिया का डेंगू लील गा, दुई अस्पताल में परी हैं. अइस आफत हमार गांव मा कबहूं न आई रहे. एक होए तो कहा जाए, हिन तो घर-घर मा बीमार परे हैं. आगे उन्होंने कहा कि कउनो सुनै वाला नाही, कहीके पास जाकर टेसुआ बहाई.
जायजा लेने पहुचे सचिव को सुनाया गांव का हाल
कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में वायरल बुखार और डेंगू से गांववासी बेहाल हैं. कुछ दिन पहले हीं प्रमुख सचिव अनिल गर्ग अपने टीम के साथ गांव पहुचकर ग्रामीणों का जायजा लिया था. टीम गांव की मुखिया फूल कुमारी से मिलकर लौट रही थी तब रास्ते में ही मुखिया के पति हरीशंकर कुरील मिल गए. वह अस्पताल से वापस घर लौट रहे थे. और टीम को ब्यथा सुनाते सुनाते काफी भावुक हो गए और कहने लगे कि अब तीन में से अब दो ही बेटीयां बची हैं. एक की डेंगू की वजय से मौत हो गई बाकी संजोली और संगीता को निजी अस्पताल में भर्ती कराया है.
कहर इतना कि पड़ोसी कर रहे खाने-पीने बंदोबस्त
एक अन्य ग्रामीण चंद्रशेखर तिवारी बताते हैं कि हमरे घर मा बुखार आफत बनिके आवा है. हमार तो घरै खाली हुई गा. पहले हम, फिर बेटवा, बहुरिया और अब घरवाली, सबै बीमार पडिग़े. बेटवा आ गा, बहुरिया नर्सिंग होम मा परी है. हमईं घर मा रहि गए हन। बेटे को मंगलवार को ही छुट्टी मिली है. खाने-पीने का बंदोबस्त पड़ोसी कर रहे हैं. कमोवेश यही हाल ज्यादातर घरो की है. ओमप्रकाश बताते हैं कि वह भी घर पर अकेले रहते हैं. दो साल पहले उनके पत्नी का देहांत हो चुका है. उनकी तीनों बेटियां डेंगू और वायरल बुखार की चपेट हैं और उनका इलाज निजी अस्पताल में चल रहा है. इकलौता बेटा अपनी बहनों का देखभाल कर रहा है. घर में रोटी बनाने वाला कोई नहीं है, पड़ोसी खाना पहुंचा रहे हैं.
गांव में 200 से अधिक लोगो का चल रहा ईलाज
लगभग 2600 आबादी वाले कुरसौली गांव में 200 से अधिक लोग बीमार हैं. ग्रामीणों के मुताबिक सीएमओ डा. नैपाल सिंह को समस्या बताई गई, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. सोमवार को प्रमुख सचिव निरीक्षण करने आए तो आंकड़ों को छिपाने का खेल शुरू कर दिया. उन्हें सिर्फ डेंगू पीडि़तों के घर ले जाया गया. हालांकि प्रमुख सचिव ने ग्राम विकास अधिकारी शालिनी मिश्रा को निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया था. ग्राम विकास अधिकारी की तरफ से सूची में सिर्फ 33 मरीजों के निजी असपताल में भर्ती होने की खबर आयी है. सीएमओ को इन सभी का जायजा लेना था लेकिन एसीएमओ ने सिर्फ दो ही निजी अस्पतालों का भ्रमण किया. शाम तक गांव से तीन और मरीजो के निजी अस्पताल में भर्ती कराए जाने की खबर सामने आयी.
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