कानपुर: बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी नाबालिग

Smart News Team, Last updated: Thu, 3rd Sep 2020, 10:33 AM IST
  • कानपुर के बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी नाबालिग निकली. उसे एनकाउंटर के बाद गिरफ्तार किया गया था. कोर्ट ने उसके स्कूल के प्रमाण पत्र और प्रधानाध्यापक के बयान के बाद फैसला सुनाया.
कानपुर: बिकरू कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की पत्नी खुशी नाबालिग

कानपुर. कानपुर के बिकरू कांड में आरोपी अमर दुबे पुलिस एनकांउटर में मारा गया था. इसके बाद उसकी पत्नी खुशी को गिरफ्तार किया गया था. बुधवार को किशोर न्याय बोर्ड ने सुनवाई के बाद खुशी को नाबालिग घोषित कर दिया. कोर्ट ने सबूत के तौर पर उसके हाईस्कूल के प्रमाण पत्र और गवाह के तौर पर उसके पिता और स्कूल प्रधानाध्यापक के बयान दर्ज किए. इसी के बाद फैसला लिया गया और कहा कि खुशी नाबालिग है. 

बिकरू कांड 2 जुलाई को हुआ था जिसमें हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे ने अपने खास शूटर अमर दुबे और अन्य गुर्गों के साथ आठ पुलिसवालों की हत्या कर दी थी. इसी के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एनकाउंटर में अमर दुबे, विकास दुबे और कई गुर्गों को मार गिराया था. एनकाउंटर के बाद पुलिस ने खुशी को गिरफ्तार किया था जिसकी शादी बिकरू कांड से चार दिन पहले 29 जून को अमर से हुई थी. उसे जेल भेजा गया था.

UP: बेसिक शिक्षा में राज्य अध्यापक पुरस्कार लिस्ट जारी, 73 टीचर्स होंगे सम्मानित

खुशी को जेल भेजने के बाद उसके पिता ने पुलिस को बताया कि वो नाबालिग है. इसी खुलासे के बाद एडीजे एंटी डकैती कोर्ट ने मामले को किशोर न्याय बोर्ड में भेजा था. खुशी के अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने बोर्ड को खुशी के स्कूल से मिले शैक्षिक प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए. इनमें उसकी जन्मतिथि 21 अगस्त 2003 लिखी थी. इस आधार पर वारदात वाले दिन खुशी की उम्र 16 वर्ष 10 माह 12 दिन निकली.

 डिवाइस से हैक कर लेते थे ताश के पत्ते, हर बाजी में मिलती जीत, 12 जुआरी गिरफ्तार

साथ ही खुसी के प्रधानाध्यापक से भी बात की गई. उनके बयान के बाद सबूतों को देखकर किशोर न्याय बोर्ड के प्रधान मजिस्ट्रेट कमलकांत गुप्ता व सदस्य नरेन्द्र मिश्र ने फैसला लिया और खुशी को नाबालिग घोषित कर दिया. मामले की प्रारंभिक निर्धारण सुनवाई के लिए पत्रावली 8 सितंबर को बोर्ड में तलब की है. इसके साथ ही बोर्ड ने आदेश की प्रति एडीजे एंटी डकैती कोर्ट को भेजी है.

आज का अखबार नहीं पढ़ पाए हैं।हिन्दुस्तान का ePaper पढ़ें |

अन्य खबरें