केस्को का कारनामा : बिजली की सप्लाई सन् 1906 से शुरू हुई, बिल भेज दिया 1901 से

Smart News Team, Last updated: Mon, 4th Jan 2021, 3:26 PM IST
  • नयागंज के मकान नंबर 55/90 निवासी हीरालाल चौबे ने जून 2017 में बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। दो साल तक बिल ठीक आया इसके बाद 2019 में अचानक बिल 37634 रुपये आ गया। पता करने पर बिल हिस्ट्री में सामने आया कि बिल का बकाया सन 1901 से चला आ रहा है। हैरत की बात यह है कि कानपुर में बिजली सप्लाई ही 1906 से शुरू हुई है।
फाइल फोटो

कानपुर : केस्को का एक और कारनामा सामने आया है। इस बार केस्को ने अपने एक उपभोक्ता को 1901 से बकाया का बिजली का बिल भेजा है। उपभोक्ता हैरान है कि उसने कनेक्शन जून 2017 में करवाया तो बकाया उसके जन्म से पूर्व का कैसे आ गया। यही नहीं जिस समय से बकाया बिल दिखाया जा रहा है, उस समय तो कानपुर में बिजली की सप्लाई तक शुरू नहीं हुई थी। केस्को का तो कोई वजूद भी नहीं था।

मामला नयागंज के मकान नंबर 55/90 निवासी हीरालाल चौबे से जड़ा है। चौबेजी की उम्र 87 साल है। केस्को की इस कारनामे के कारण सर्दियों में उन्हें केस्को के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। जेई से लेकर केस्को एमडी तक व मुख्यमंत्री पोर्टल पर तीन बार शिकायत और लगातार दौड़ने के बाद भी कुछ नहीं हुआ।

हीरालाल चौबे ने जून 2017 में नए बिजली कनेक्शन का आवेदन किया। निरीक्षण के दौरान उन्हें बताया गया कि मकान में सुनीता देवी के नाम लगे पुराने मीटर पर चार हजार रुपये बकाया है। हीरालाल ने बकाया अदा कर दिया। इसके बाद एक जुलाई को नया मीटर लगा। दो साल तक तो सब ठीक चला। जब 31 मार्च 2019 को बिल जमा किया तो 37,634 रुपये की बकाया राशि जुड़ कर आ गई। शिकायत करने पर मई और जून का बिल सही आया, लेकिन जुलाई में दोबारा बकाया जोड़कर भेज दिया गया। हीरालाल चौबे ने फूलबाग डिवीजन में इसकी शिकायत की तो उनको वर्ष 1901 से वर्ष 2019 तक की कंज्यूमर हिस्ट्री निकाल कर दे दी गई। कहा कि पुराना बकाया जुड़ कर आया है। अब वह लगातार चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा है।

मुख्यमंत्री पोर्टल पर जवाब मांगे जाने पर केस्को ने बता दिया कि उपभोक्ता की अनुमति से पुराने कनेक्शन पर बकाया नए कनेक्शन पर ट्रांसफर किया है। हीरालाल सवाल उठाते हैं कि नया कनेक्शन 2017 में लगा, तब कोई बकाया नहीं था। आखिर दो वर्ष बाद 2019 में बकाया कैसे ट्रांसफर हुआ। इस संबंध में केस्को एमडी अजय कुमार ने बताया कि वर्ष 1901 से 2019 तक की कंज्यूमर हिस्ट्री कैसे बन गई, इसकी भी जांच होगी। समस्या का समाधान कराया जाएगा।

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मालूम हो कि वर्ष 1906 को शहर में पहली बार बिजली आपूर्ति शुरु हुई थी। इससे पहले तेल के दीये जला करते थे। आपूर्ति करने वाली कंपनी का नाम दि इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन लिमिटेड हो गया। वर्ष 1925 में मुख्यालय परेड पर बिजलीघर के नाम से बना।  

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