कोटक महिन्द्रा बैंक का कारनामा: समय से पहले लोन चुकाने की सजा 59 लाख का जुर्माना!

ABHINAV AZAD, Last updated: Sat, 13th Nov 2021, 8:33 AM IST
  • कानपुर निवासी ग्राहक राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि पूरा पैसा चुकाने और लिखित जानकारी देने के बावजूद कोटक महिन्द्रा बैंक ने पहले 17.81 लाख और फिर 59 लाख का नोटिस नॉन कंप्लायंस के नाम पर थमा दिया. उन्होंने आगे कहा कि अगर मैंने नियमों का पालन नहीं किया तो बैंक ने कैसे मुझे करोड़ों का ओवरड्राफ्ट दे दिया.
(प्रतीकात्मक फोटो)

कानपुर. कोटक महिन्द्रा बैंक की मनमानी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है. समय पर लोन जमा नहीं करने पर तो बैंक पेनॉल्टी लगाने के साथ डिफॉल्टर घोषित करते हैं, लेकिन समय से पहले पूरी देनदारी चुकाने पर भी पेनॉल्टी... जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. कोटक महिन्द्रा बैंक ने एक ग्राहक के साथ ऐसी ही मनमानी की है. जिसकी शिकायत ग्राहक ने बैंक लोकपाल से की है.

कानपुर के विष्णुपुरी निवासी राकेश कुमार गुप्ता रक्षित इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हैं. पनकी स्थित उनकी फैक्ट्ररी एक एमएसएमई फर्म है. उन्होंने मॉल रोड स्थित कोटक महिन्द्रा बैंक से 3.50 करोड़ रूपए की ओवरड्राफ्ट लिमिट ली थी. मार्च में उसका रिन्यूबल होना था, जिसके लिए उन्होंने बैंक में आवेदन किया. कोरोना से बैंक ने जून तक ऑडिट नहीं कराया. बैंक की ब्याज दर ज्यादा होने से राकेश दूसरे बैंकों से संपर्क करते रहे. एचडीएफसी ने कम ब्याज पर उनके खाते का अधिग्रहण का ऑफर दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया. 15 जून को कोटक महिन्द्रा को अपना अकाउंट बंद करने का पत्र दिया. लेकिन बैंक ने 14 अगस्त को जबरन उनके लोन अकाउंट का रिन्यूवल कर दिया.

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रक्षित इंजीनियरिंग वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक राकेश कुमार गुप्ता का कहना है कि पूरा पैसा चुकाने और लिखित जानकारी देने के बावजूद कोटक महिन्द्रा बैंक ने पहले 17.81 लाख और फिर 59 लाख का नोटिस नॉन कंप्लायंस के नाम पर थमा दिया. राकेश कहते हैं कि अगर मैंने नियमों का पालन नहीं किया तो बैंक ने कैसे मुझे करोड़ों का ओवरड्राफ्ट दे दिया. बैंक अपने ही लिखित एग्रीमेंट से मुकर गया. आरबीआई नियमों को भी ताक पर रख दिया. अब मैं अपना ही पैसा और प्रॉपटी के पेपर पाने के लिए चक्कर लगा रहा हूं. इस बाबत कोटक महिन्द्रा बैंक के टेरेटरी सेल्स मैनेजर अंकित श्रीवास्तव का कहना है कि ग्राहक को जिस बैंक में सस्ता लोन मिले, उसे वहां से जाने की आजादी है. भारी भरकम चार्ज के बारे में अब कुछ नहीं बता सकता क्योंकि मामला अब बैंकिंग लोकपाल में है. इस केस को बैंक की नोडल टीम देख रही है. 15 दिन में ग्राहक की शिकायत का समाधान हो जाना चाहिए.

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