कानपुर के हटिया में चार मंजिला मकान ढहने से मां-बेटी की मौत
- मकान से एक बार वापस निकली फिर भीतर दोबारा भीतर गई थी मां बेटी घर से पहले 2-3 ईंट गिरी जिसके बाद सारे परिजन मकान से बाहर निकल गए मलबे में दबी लास को 24 घंटे बाद निकाला गया

कानपुर। गुरुवार को देर रात हुई भारी बारिश के चलते हटिया के बक्सा बाजार में एक चार मंजिला मकान भरभराकर ढह गया.चार मंजिला पुरानी इमारत के गिरने से उसमें दबकर मां बेटी की मौत हो गई.
गुरुवार को अचानक भरभरा कर इमारत ढह गई थी . जिसमें मां बेटी दब गई थी. राहत बचाव कार्य दल गुरुवार से ही मलबे के नीचे मां बेटी को ढूंढने के प्रयास में लगा हुआ था जहां शुक्रवार को दोनों का शव बरामद कर लिया गया है. कानपुर में बारिश के बाद गुरुवार देर रात मूलगंज थाना क्षेत्र में एक चार मंजिला इमारत गिर गई. एसएसपी कानपुर नगर प्रीतिंदर सिंह का कहना है कि इसके मलबे में एक महिला और एक लड़की के फंसे होने की आशंका थी. सूचना मिलते ही रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है.
शुक्रवार को मलबे में फंसी मां-बेटी को निकाल लिया गया. मलबे में दबने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. जिसे रेस्क्यू टीम ने मलबा हटाने के बाद निकाला है. मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
रेस्क्यू टीम ने बताया कि रात होने की वजह से मलबे को हटाने में देरी हो रही थी. साथ ही मां बेटी के अंदर दबे होने की वजह से मलबे को बारीकी से हटाया जा रहा था. शुक्रवार को मां बेटी की लाश बरामद हुई है. मलबे में दबने से उनकी मौत हो गई.
बता दें कि बक्सा बाजार में स्वर्गीय रामचंद्र गुप्ता ने करीब 100 साल पहले चार मंजिला मकान बनवाया था. ग्राउंड फ्लोर खाली पड़ा है, जिसमें रामचंद्र गुप्ता के सबसे बड़े बेटे उमा शंकर गुप्ता का कब्जा है. उमा शंकर पड़ोस में ही एक दूसरे मकान में परिवार के साथ रहते हैं. पहले मंजिल पर दूसरे बेटे गणेश शंकर गुप्ता रहते हैं. इनकी पत्नी का देहांत का हो चुका है और इकलौती बेटी की शादी हो चुकी है. यह अपने हिस्से में अकेले ही रहते थे.
दूसरी मंजिल पर प्रेम शंकर गुूप्ता पत्नी, पांच बेटों, दो बेटियों व बहुओं के साथ रहते थे। सबसे ऊपरी मंजिल पर सबसे छोटे भाई रमा शंका का परिवार रहता था. रमा शंकर की एक साल पहले मृत्यु हो चुकी है. परिवार में पत्नी मीना गुप्ता, अविवाहित बेटे राहुल गुप्ता, रंकू गुप्ता व बेटी प्रीति गुप्ता हैं.
राहुल ने बताया कि मकान पुराना था. रात भर बारिश के बाद सबसे ऊंपरी मंजिल से सुबह आठ बजे तीन चार ईंटें गिरी थी. उन लोगों ने इस पर गंभीरता नहीं दिखाई. रात को वह दूध लेने गया गया था, जबकि भाई भी घर से बाहर था. चार साढ़े आठ बजे फिर से ईंटें गिरी तो चाचा गणेश शंकर ने चिल्लाकर सभी स्वजनों को बाहर निकलने को कहा. पूरा घर खाली हो गया.
बताया जा रहा है कि मीना और प्रीति भी नीचे उतर आई, लेकिन इसी बीच मां-बेटी पता नहीं किस कारण से दोबारा मकान के अंदर चली गई. अगले पांच मिनट बाद यकायक पूरा मकान भरभराकर ऊपर से नीचे तक ढह गया.
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