कोरोनाकाल में एक चौथाई ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में कमी, देश को 535 करोड़ का नुकसान
- कोरोना संकट के चलते लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दी. इस सहज वृद्धि के साथ साइभर फ्रॉड के केस भी बढ़ने लगे थे. वर्ष 2019 में 2445 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई थी वहीं, साल 2021 में ऑनलाइन फ्रॉड एक चौथाई घटी है हालांकि, देशवासियों को आर्थिक रूप से 535 करोड़ का नुकसान हुआ है.

कानपुर. कोरोना संकट के चलते लोगों ने ऑनलाइन खरीदारी को प्राथमिकता दी. इस सहज वृद्धि के साथ साइभर फ्रॉड के केस भी कई गुना बढ़ गए. वर्ष 2019 में 2445 करोड़ रुपये की ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई थी वहीं, साल 2021 में ऑनलाइन फ्रॉड एक चौथाई घटी है और देशवासियों को आर्थिक रूप से 535 करोड़ का नुकसान हुआ है.
जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में डेबिट-क्रेडिट कार्ड और बैकिंग इंटरनेट के द्वारा धोखाधड़ी के मामले में कमी आई है जो कि घटकर एक चौथाई रह गई. कार्ड्स और नेट बैंकिंग में वर्ष 2019 में 2,445 करोड़ की ठगी हुई थी, जो 2021 में घटकर 535 करोड़ रह गई. रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2019-20 में पूरे देश में कुल 1.85 लाख करोड़ रुपए फ्रॉड की भेंट चढ़ गए थे.
सावधान! कोविड की सेकेंड डोज के नाम पर साइबर फ्रॉड अकाउंट से ऐसे उड़ा रहे पैसे
कर्ज में धोखा आज भी नंबर वन
भले ही फ्रॉडिंग में कमी आई हो लेकिन आज भी आए-दिन खाते से पैसे निकलने की खबर सामने आती रहती है. बता दे कि, कोविड से ठीक पहले जहां 4608 केस दर्ज हुए थे, वर्ष 20-21 में 3501 केस दर्ज किए गए और 1.37 लाख करोड़ रुपये का फ्राड किया गया.
प्री कोविड पीरियड में 8 मामलों में 54 करोड़ का फ्रॉड किया गया, वहीं वर्ष 20-21 में केवल 4 मामलों में 129 करोड़ रुपए का फ्रॉड हो गया. यानी कोरोना काल में विभिन्न सरकारी राहतें पाने के लिए खोले गए खातों में खूब फर्जीवाड़ा हुआ है. यही वजह है कि इस बार फ्रॉड की रकम कोरोना से पहले की तुलना में ढाई गुना हो गई.
सावधान! अब इंस्टाग्राम भी सुरक्षित नहीं, साइबर फ्रॉड इस तरह बना रहे निशाना, जानें
बैंकिंग फ्राड को 11 श्रेणियों में विभाजित किया गया है.
लोन, कार्ड / इंटरनेट, डिपाजिट, बैलेंस शीट, विदेशी मुद्रा लेनदेन, कैश, चेक/ डिमांड ड्राफ्ट, अंतर- शाखा एकाउंट्स, क्लीयरिंग, एनआरआई एकाउंट्स और अन्य
वरिष्ठ बैंकिंग के सलाहकार हेमंत गुप्ता ने बताया कि कोरोना काल में बड़े फ्रॉड घटे हैं और छोटी छोटी जालसाजी बढ़ी हैं. एनईएफटी और आरटीजीएस की वजह से चेकों और क्लीयरिंग घोटाले बेहद कम रह गए हैं.
अन्य खबरें
Cyber Fraud: इस App से मालिक के अकाउंट से कैशियर ने उड़ाए आठ लाख, गिरफ्तार
Cyber Crime: बैंक अधिकारी बनकर जालसाज ने पूछा OTP, फिर खाते से उड़ाए रुपए
Cyber Crime: डीजीपी संजीव कुमार सख्त, कहा- साइबर क्राइम में तुरंत दर्ज करें FIR
Cyber Crime: प्रयागराज में इंस्टाग्राम पर छात्रा को बदनाम करने की कोशिश