शवों का वीडियो वायरल होने के बाद कानपुर के गंगा घाट पर पुलिस और SDRF तैनात

Smart News Team, Last updated: Sun, 16th May 2021, 4:23 PM IST
  • पुलिस ने सख्ती कर दी है और गंगा किनारे रेत में शव दफ़न करने वाले लोगों को हिदायत दी है कि ऐसा करना दंडनीय अपराध है. अगर इस तरह का कृत्य करता कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कानपुर में गंगा घाट पर तैनात पुलिस टीम

कानपुर. कानपुर में गंगा किनारे शवों को रेत में दफ़न करने की अमानवीय तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कानपुर पुलिस अब एक्शन में आ गई है. गंगा किनारे के घाटों पर पुलिस बल व एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. एसडीआरएफ की टीम स्टीमर (नाव) द्वारा गंगा में जाकर नजर रख रही है. आपको बता दें कि बीते दिनों गंगा किनारे बसे शिवराजपुर के घाट पर शवों को दफ़नाने का वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में लोग मृतकों को गंगा किनारे रेत में दफ़न कर रहे थे. यह खबर मीडिया में जब सुर्खिया बनकर उभरने लगी तब कानपुर पुलिस हरकत में आई और गंगा किनारे बने घाटों पर पुलिस बल व एसडीआरएफ की तैनाती कर ऐसे लोगों पर नजर रखना शुरू कर दिया. 

पुलिस घाटों के किनारे मुनादी करवा रही है कि अगर कोई भी शवों को रेत में दफ़न कर रहा है, तो इसकी सूचना पुलिस को दी जाए. ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस तरह का अमानवीय कृत्य करता हुआ पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. शव दफ़नाने आने वाला व्यक्ति अगर गरीब है, उसको लगता है कि वो अंतिम संस्कार करने में असमर्थ है तो पुलिस उसकी सहायता करेगी.

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पुलिस उपायुक्त पश्चिम संजीव त्यागी ने कहा कि गंगा किनारे रेत में शव को दफ़न करने वाले लोगों को पुलिस ने हिदायत दी है कि गंगा जी में शव को प्रवाहित करना या रेत में गाड़ना दंडनीय अपराध है. अगर इस तरह का कृत्य करता कोई पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. इस संबंध में पुलिस उपायुक्त संजीव त्यागी ने घाटों का निरिक्षण करने के बाद बताया कि घाटों के किनारे शवों का दाहसंस्कार करने की सूचना पर जांच की गई. जिसमे पुलिस कमिश्नरेट को अभी तक इस तरह की कोई घटना मिली नहीं है, लेकिन भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो उसके लिए व्यवस्था की गई है. एसडीआरएफ की टीम को बिठूर घाट से गंगा बैराज तक कि पूरी जिम्मेदारी दी गई है. एक कंपनी पीएसी गंगा किनारे के घाटों पर गश्त करेगी. इस तरह की व्यवस्था से घाटों के किनारे या फिर कहीं भी अमानवीय तरीके से शव दहन न हो. कोरोना से मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार पूरी तरीके से घाटों पर हो और लोग शवों को गंगा जी में प्रवाहित ना करें.

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