बिना जांच के डाक विभाग ने छाप दिए मुन्ना बजरंगी व छोटा राजन के डाक टिकट

Smart News Team, Last updated: Mon, 28th Dec 2020, 3:03 PM IST
  • कानपुर में डाक विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. यहां प्रधान डाकघर से बिना जांच पड़ताल के अंतर्राष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट जारी कर दिए गए.
मुन्ना बजरंगी व छोटा राजन के डाक टिकट.

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. आपने हमेशा डाक टिकटों पर राष्ट्रीय नेता, महापुरुष, या किसी प्रसिद्ध स्थान आदि के चित्र देखे होंगे. लेकिन डाक टिकटों पर क्या किसी गुंडे-माफिया के चित्र छप सकते हैं? नहीं न, लेकिन व्यवस्था में खामी हो तो ऐसा जरूर हो सकता है. कानपुर जिले में कुछ ऐसा ही हुआ है. यहां के प्रधान डाकघर से अंतर्राष्ट्रीय माफिया छोटा राजन और बागपत जेल में गैंगवार में मारे गए मुन्ना बजरंगी के डाक टिकट बन गए. इनके जरिए देश में कहीं भी चिट्ठिया भेजी जा सकती हैं. 'हिन्दुस्तान' की टीम ने यह स्टिंग एक अच्छी योजना की कमजोरी बताने के लिए किया.

'हिन्दुस्तान' संवाददाता ने डाक विभाग की 'माई स्टैंप' योजना के तहत डाक टिकट बनवाने के लिए एक ग्राहक की तरह औपचारिकताओं का पालन किया और मुन्ना बजरंगी (प्रेमप्रकाश सिंह) और छोटा राजन (राजेंद्र एस. निखलजे) के नाम से फॉर्म भरा. इन दोनों की फोटो दीं. इसके बाद बिना छानबीन किए छोटा राजन और मुन्ना बजरंगी के डाक टिक छाप दिए गए. न फोटो की पड़ताल की गई और न ही कोई प्रमाणपत्र मांगा गया. इसके लिए निर्धारित 600 रुपए फीस अदा की गई.

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मामले की जानकारी होने पर पोस्ट मास्टर जनरल वी के वर्मा का कहना कि डाक टिकट बनवाने के लिए व्यक्ति को खुद विभाग आना पड़ता है, वेबकैम के सामने फोटो खींची जाती है. किसी माफिया का डाक टिकट जारी होने की कोई जानकारी नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी. आपको बता दें कि 'माई स्टैंप' योजना 2017 में शुरू की गई थी. इसके तहत 300 रुपए शुल्क जमा करके आप अपनी या अपने परिजनों की तस्वीरों वाले 12 डाक टिकट जारी करवा सकते हैं. ये डाक टिकट अन्य डाक टिकटों की तरह से मान्य होते हैं.

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