कानपुर से प्रदेश को मिलेगी 225 मेगावॉट बिजली, बिल्हौर में बनकर तैयार हुआ प्लांट

Smart News Team, Last updated: Wed, 6th Jan 2021, 9:47 AM IST
  • कानपुर के बिल्हौर में दो सौर ऊर्जा प्लांट निर्माणाधीन हैं। इसमें से एक जनवरी में 140 मेगावाट क्षमता और मार्च में 85 मेगावॉट क्षमता का दूसरा सोलर प्लांट तैयार हो जाएगा। बिल्हौर और घाटमपुर में कुल तीन प्लांट लगाए जा रहे हैं, जिनकी लागत 1100 करोड़ रुपये है।
फाइल फोटो

कानपुर : औद्योगिक शहर कानपुर से जल्द ही प्रदेश को 225 मेगावॉट बिजली मिलेगी। बिल्हौर में निर्माणाधीन दो सौर ऊर्जा प्लांटों का काम अंतिम चरण में है। मंडलायुक्त डॉ. राज शेखर ने बताया कि 140 मेगावॉट का प्लांट इस महीने पूरा हो जाएगा। जबकि 85 मेगावॉट वाला दूसरा प्लांट का काम मार्च में पूरा होने की उम्मीद है।

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कमिश्नर राज शेखर ने मंगलवार को निर्माणाधीन प्लांट का निरीक्षण करने के बाद बताया कि ज्यादा क्षमता वाले प्लांट का काम जनवरी के अंत में पूरा हो जाएगा। 85 मेगावॉट क्षमता वाला दूसरा प्लांट मार्च में पूरा होने की उम्मीद है। करीब 1100 करोड़ रुपये लागत वाला यह सोलर एनर्जी प्लांट उत्तर भारत में सबसे बड़ा है। लागत के लिहाल से एक मेगावॉट हरित ऊर्जा उत्पादन में करीब 5 करोड़ रुपये का खर्च आया है।

 गौरतलब है कि यूपीए के शासनकाल में कानपुर में बिल्हौर और घाटमपुर में बड़े विद्युत उत्पादन कारखाने लगाने की योजना तैयार की गई थी। इसमें घाटमपुर में 1980 मेगावॉट का सुपर क्रिटिकल प्लांट निर्माण के आखिरी चरण में है। वहीं पनकी में पुरानी उत्पादन इकाइयों को तोड़ 660 मेगावॉट की थर्मल परियोजना स्थापित की जा रही है। कई साल पहले केंद्र और प्रदेश सरकार ने बिल्हौर में कोयला आधारित प्लांट लगाने का की बजाय यहां सोलर एनर्जी प्लांट लगाने का खाका खींचा था। इसके लिए बिल्हौर तहसील के चार गांवों डड़वा जमौली, मदारा, उदनदिया और उतरी गांवों की 1125 एकड़ जमीन अधिग्रहीत की गई थी। ग्लोबल टेंडर के बाद नवंबर-2018 में एनटीपीसी को 140 मेगावॉट और मार्च-2019 में 85 मेगावॉट का सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का काम सौंपा गया था।

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