कानपुर में सोती हुई एक माह की बच्ची को मां के सामने ही उठा ले गए आवारा कुत्ते

Smart News Team, Last updated: Thu, 13th Aug 2020, 7:12 AM IST
  • बच्ची को उठाकर पास के गड्ढे में कुत्ते ने फेंका , डूबने से हुई मौत परिजनों ने बच्ची के पोस्टमार्टम कराने से किया इनकार नगर निगम की लापरवाही से कानपुर में बढ़ गया कुत्तों का आतंक
सांकेतिक तस्वीर

कानपुर। कानपुर के बर्रा में बुधवार दोपहर चारपाई पर सो रही एक महीने की मासूम बेटी को मां के सामने ही आवारा कुत्ता उठा ले गया. जहां काफी खोजबीन के बाद बच्ची पानी भरे गड्ढे में मिली. परिजनों ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

बताते चलें कि बुधवार को कानपुर के बर्रा में एक मां ने अपनी 1 माह की बेटी को चारपाई पर सुला रखा था. उस वक्त मां कपड़े धो रही थी. अचानक एक कुत्ता कहीं से आया और उसने एक माह की बच्ची को अपने मुंह में दबा लिया और भागने लगा. मां जब तक कुछ समझ पाती, तब तक कुत्ता भाग चुका था. मां के शोर मचाते ही लोग कुत्ते की ओर दौड़े लेकिन तेजी से कुत्ता भाग निकला. इसके बाद परिजनों सहित आसपास के लोगों ने बच्ची को ढूंढना शुरू किया. करीब डेढ़ घंटे बाद पास के ही एक गड्ढे में बच्ची मिली. जिसके बाद परिजनों ने उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया. डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.

बताते चले कि बर्रा-8 कच्ची बस्ती निवासी सफाई कर्मचारी नीरज कुमार पत्नी चांदनी व डेढ़ साल की बेटी नताशा के साथ रहते हैं. पिछले महीने 13 जुलाई को नीरज की पत्नी ने एक और बेटी को जन्म दिया था. बुधवार दोपहर चांदनी एक माह की बेटी को बाथरूम के सामने चारपाई पर लिटाकर कपड़े धोने लगीं.

परिजनों का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार

शोर सुनकर मोहल्ले के लोगों ने लाठी डंडा लेकर कुत्ते की खोजबीन शुरू की. करीब डेढ़ घंटे के बाद घर के पीछे पानी से भरे गड्ढे में बच्ची पड़ी मिली. पिता नीरज मोहल्ले के लोगों के साथ उसे बर्रा स्थित प्रिया हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. इलाके में आवारा जानवरों के नहीं पकड़े जाने को लेकर आक्रोश है. लोगों ने क्षेत्रीय पार्षद के साथ पुलिस को मामले की जानकारी दी. बर्रा इंस्पेक्टर हरमीत सिंह ने बताया कि सूचना पर फोर्स भेजी गई थी. परिजनों ने पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है.

नगर निगम की लापरवाही से कुत्तों की संख्या बढ़ी

नगर निगम की लापरवाही से शहर में आवारा कुत्तों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है. कुत्तों के काटने की वजह से एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. कंपनी ने 975 रुपये की दर से कुत्तों की नसबंदी शुरू की थी. संस्था अब तक करीब 3000 कुत्तों का ही नसबंदी कर चुकी है. हालांकि उसके सापेक्ष आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है. फूलबाग स्थित कांजी हाउस में नसबंदी के विशेष अस्पताल बनाया गया था. उसमें आपरेशन थियेटर, प्री आपरेटिव वार्ड, पोस्ट आपरेटिव वार्ड और आवारा कुत्तों को रखने के लिए कैनल बनवाए गए हैं.

इन इलाकों में कुत्तों का खौफ ज्यादा

शहर में करीब एक लाख आवारा कुत्ते हैं जिनमें शहर के जाजमऊ, चकेरी, मरियमपुर चौराहा, गांधी नगर, शास्त्रीनगर, पीरोड, काकादेव, छपेड़ा पुलिया, विजयनगर, श्यामनगर, दर्शनपुरवा, राजा पुरवा, फजलगंज, कोपरगंज, अशोकनगर, नौघड़ा, जनरलगंज, मेस्टन रोड, परमट, नवाबगंज आदि इलाकों में कुत्तों का खौफ काफी ज्यादा है.

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