यूपी में शिक्षक बनाएगा पाकिस्तान से मिला सर्टिफिकेट, डिग्री को किया फेल
- एकतरफ छात्रों के लिए खुशखबरी हैं कि तो दूसरी तरफ दुखी करने वाली बात भी हैं. हुआं यूं कि अब पाकिस्तान से प्राप्त सर्टिफिकेट को यूपी चयन बोर्ड ने मान्यता दे दी है. जबकि, डिग्री को किनारे कर दिया गया है.

कानपुर. यूपी में अब इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले शिक्षिकों के लिए डिग्री को प्राप्त करने की कोई ज़रुरत नहीं है. उसकी जगह पाकिस्तान के लाहौर में स्थित मेयो कॉलेज ऑफ आर्ट्स का सर्टिफिकेट भी मान्य है. माध्यमिक शिक्षा चयन बोर्ड ने नियुक्ति के लिए इसे जायज़ ठहराया है. जबकि, बैचलर और मास्टर डिग्री को महत्व नहीं दिया गया है. इसी बात को लेकर छात्र आक्रोशित हैं और वो सोशल मीडिया के जरिए अपना विरोध जाहिर कर रहे हैं.
असल में इंटर कॉलेजों में टीजीटी और पीजीटी के तहत कला शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो गई हैं. इसके लिए जो योग्यता निर्धारित की गई है उसपर विवाद पैदा हो गया. छात्रों का मानना है कि इस व्यवस्था को अपनाकर चयन बोर्ड ने नए कोर्स को दरकिनार किया. इस कारण छत्रपति शाहू जी महाराज विश्विद्दालय के फाइन आर्ट विभाग के पूर्व छात्र गुस्से में हैं. वे इसी बात को लेकर उन्होंने आंदोलन शुरू किया है.
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छात्रों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि इससे युवा पीढ़ी का हनन हुआ है और देश की संस्कृति से खिलवाड़ भी. युवा आगे कहते हैं कि जब विवि ने बीएफए और एमएफए को मान्यता दी है तो इसे नजरअंदाज क्यों कर रहे हैं? छात्र अखिलेश कुमार ने बताया कि सीएसजेएमयू से लेकर बीएचयू तक बहुत आक्रोशित हैं. जिसे लेकर वे आनंदी बेन पटेल और सीएम योगी आदित्यनाथ को भी पत्र भी लिखा गया है.
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