UP में हजारों गाड़ियां चालान के साए में, जानें क्या है मामला

Smart News Team, Last updated: Tue, 2nd Mar 2021, 11:11 AM IST
  • परिवहन विभाग 1989 से पहले के वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगवाने के लिए मुख्यालय से गाइडलाइंस मांगी. वहीं सबसे ज्यादा पुराणी गाड़िया सरकारी विभागों के पास है.
UP में हजारों गाड़ियां चालान के साए में, जानें क्या है मामला

कानपुर. यूपी में 2019 से पहले के सभी वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट लगाने के निर्देश दिए जा चुके है. जिसे देखते हुए बहुत से लोगों ने एचएसआरपी प्लेट लगवाना भी शुरू कर दिया है. वही ये निर्देश आने के बाद से एक बड़ी समस्या भी आन खड़ी हुई है. यह समस्या 1989 से पहले के वाहनों के लिए नम्बर प्लेट लगाने के कोई निर्देश नहीं है. जिसमे अधिकतर सरकारी वाहन शामिल है. जिन्हें नम्बर प्लेट दिलाने के लिए परिवहन विभाग रास्ता ढूढने में लगा हुआ है.

इस बारे में परिवहन विभाग के अफसरों ने बताया कि 1989 से पहले वाहनों को राज्य का नम्बर दिया जाता था. जिसमे अंग्रेजी के अक्षर के साथ बाकी अंक दिए जाते थे. जिनकी कुल संख्या 7 हुआ करती थी. जिसे बदलकर 1989 से वाहनों को जिला कोड के साथ नम्बर आवंटन की व्यवस्था को शुरू किया गया.वही जब अब सभी वाहनों में है सिक्युरिटी नम्बर प्लेट लगाने का निर्देश दिया जा चुका है तो पुराने वाहनों में नम्बर प्लेट लगाने का कोई फॉर्मेट तय नही किया गया है. जिसके चलते इन वाहनों में नया नम्बर नहीं लगा पा रहा है. जिसे ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग नया नम्बर प्लेट लगाने की व्यवस्था में लगा हुआ है.

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परिवहन विभाग के सामने यह मामला तब आया जब 1989 के पहले की रजिस्टर ट्रक यूजीपी-2309, यूपीडी-0101, यूटीई-603 के मालिकों ने आरटीओ को पत्र लिखकर शिकायत की उनके वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट नहीं लग पा रहा है. साथ ही नम्बर प्लेट लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी नहीं हो पा रहा है. जिसके बाद परिवहन विभाग के अफसरों ने परिवहन मुख्यालय से इस सम्बंध में गाइडलाइंस मांगी है. आपको बता दे कि सबसे ज्यादा सरकारी विभागों के पास ही पुरानी गाड़िया है. जिसमे लोकनिर्माण विभाग, नगर निगम, सिचाई विभाग, रेलवे, जिला प्रशासन के पास सबसे पुरानी गाड़िया है. जिन्हें अभी भी उपयोग में लाया जा रहा है.

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वही जानकरी के अनुसार कानपुर में 26 हजार वहां चल रहे है. जिसके से कई पर जिला कोड के बजाय राज्य नंबर प्लेट लगे हुए है. जो सन 1989 से पहले के रजिस्ट्रेशन पर चल रहे है. जिसमे करीब 1240 भरी वाहन और बाकि दोपहिया वाहन है. जिनका चेकिंग के दौरान चलान कट सकता है.

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