कानपुर जू में टाइगर अमर, अकबर व एंथनी की जोड़ी हुई खत्म, अमर के साथ ये हुआ

Smart News Team, Last updated: Mon, 26th Jul 2021, 10:52 AM IST
  • जू में आखिरी शावक अमर को भी गोरखपुर के नवनिर्मित चिड़ियाघर (शहिद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान) भेज दिया गया है.
टाइगर की जोड़ी (फाइल फ़ोटो)

कानपुर: अपनी कलाकारियों और हरकतों से सबका मन मोहने वाले कानपुर जू की शान कहे जाने वाले 4 टाइगर की जोड़ी अब पूरी बिछड़ गई है. तीन नर अमर, अकबर, एंथेनी और एक मादा अंबिका इनमें से कोई भी अब कानपुर चिड़ियाघर में नहीं रह रहा है. जन्म के एक साल बाद हृदय गति रुकने की वजह से टाइगर शावक अकबर की डेथ हो गई थी. इसके बाद 2 शावकों एंथनी और अंबिका को जोधपुर जू भेज दिया गया. अब जू में आखिरी शावक अमर को भी गोरखपुर के नवनिर्मित चिड़ियाघर (शहिद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान) भेज दिया गया है. वह गोरखपुर जू में सही सलामत पहुंच भी गया है. अमर के गोरखपुर जू जानें के बाद अब कानपुर जू में कोई भी शावक नहीं बचा है. इनके जाने से जू प्रशासन के कर्मियों में भी बेहद उदासी छा गई है.

त्रुशा ने दिया था जन्म

जू में डॉ. आरके सिंह के मुताबिक जू में अप्रैल-2017 में मां त्रुशा और पिता प्रशांत ने चारों शावकों को जन्म दिया था. उसी साल अमर अकबर, एंथेनी मूवी के 40 साल पूरे हुए थे. इसलिए उन्होंने ने ही 3 मेल शावकों का नाम रखा था. चौथी फीमेल शावक का नाम अंबिका रखा गया. बता दें कि कानपुर जू में इन शावकों की अठखेलियां देखने के बच्चे और बड़े काफी दूर-दूर से आते थे.

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हार्ट अटैक से हुई थी मौत शावक अकबर की मौत

जून 2018 में 14 महीने के शावक अकबर की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला कि उसकी सांस की नली के ऊपरी हिस्से में मांस के टुकड़े फंसे थे. जिसकी वजह से वह सांस नहीं ले पाया और उसे अटैक पड़ गया. बता दें कि मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर में नया चिड़ियाघर (शहिद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान) बनाया गया है. इसमें लखनऊ कानपुर सहित देश के विभिन्न चिड़ियाघरों से वन्यजीवों का पहुंचना भी शुरू हो गया है. अब कानपुर प्राणी उद्यान में दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र अमर अकबर एंथनी की कहानी अब यादों में ही दर्ज की जाएगी.

जोधपुर से आए थे वुल्फ

डा. आरके सिंह ने बताया कि जोधपुर जू में एंथनी और अंबिका को भेजने के बदले कानपुर जू में वुल्फ और अन्य जानवर मंगाए गए थे. उसके बाद से मां त्रुशा के साथ ही अमर रहता था. भाई-बहनों के बिछड़ने से वह काफी अकेला भी हो गया था.

फिलहाल कानपुर जू में ये 7 टाइगर मौजूद हैं त्रुशा, बादल, प्रशांत, बाघिरा, सावित्री, लव, मल्लू और मालती.

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