घर में पड़े थे 200 करोड़ फिर भी स्कूटर से चलता था 'कलयुग का धनकुबेर' पीयूष जैन
- कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के घर और फैक्ट्री से करीब 200 करोड़ रूपये कैश और 23 किलो गोल्ड की रिकवरी हो चुकी है. पीयूष जैन को जानने वाले लोग बताते हैं कि वो मामूली से स्कूटर पर चलते थे और साधारण सी जिंदगी जीते थे.
कानपुर: जरा सोचिए, अगर आपके घर में 10 करोड़ रूपये कैश रखे हों तो आप किस तरह की जिंदगी जीना पसंद करेंगे? कौन सी गाड़ी में चलना पसंद करेंगे? कहां खाना और कहां घूमना पसंद करेंगे? जाहिर है 10 करोड़ कैश पड़ा है तो ऐश तो बनती है. लेकिन कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन जिनके घर से आयकर विभाग को अबतक 200 करोड़ से ज्यादा मिल चुके हैं वो आदमी मामूली से स्कूटर पर चलता था. आप कहेंगे हैं?? फिर इतना पैसा किस काम का जो आदमी उसे भोग ही ना सके. लेकिन ये सच है कि पीयूष जैन जिसके इत्र का कोराबार जबर्रस्त तरीके से फैला वो मामूली से स्कूटर से चलता था. मामूली से कपड़े पहनता था. पीयूष जैन का रहन-सहन-खान-पान इतना साधारण था कि उसे जानने वाले लोग ख्वाबों ख्यालों में नहीं सोच सकते थे कि ये मामूली सा दिखने वाला शख्स कलयुग का धनकुबेर निकलेगा.
पीयूष जैन को जीएसटी में गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. आयकर विभाग को पीयूष जैन के घर और कन्नौज स्थित फैक्ट्री से 194 करोड़ रूपये कैश और 23 किलो सोना मिला है. अधिकारियों को इतनी बड़ी मात्रा में नोट मिलने की संभावना नहीं थी लिहाजा वो एक दो नोट गिनने की मशीन लेकर पहुंचे थे, बाद में आयकर विभाग की टीम को कई मशीनें मंगवानी पड़ी क्योंकि कैश था जो खत्म होने का नाम नहीं ले रहा था. जो दीवार तोड़ो वहीं नोंट ही नोट.
जानकारी के मुताबिक पीयूष जैन ने इत्र बनाने की कला अपने पिता से सीखी जो पेशे से केमिस्ट थे. इसके बाद पीयूष जैन ने फूलों से पर्फ्यूम बनाने का काम शुरू किया और फिर उसे देशभर में फैलाया. पीयूष जैन 15 साल से इत्र बना रहा था और अब उसका व्यापार मुंबई और गुजरात में तेजी से फैल रहा था. पीयूष जैन और उसका भाई अमरीश जैन जब भी कन्नौज आते दोनों एक ही स्कूटर पर बैठकर आते जैसे कितने साधारण व्यापारी हों लेकिन दोनों धनकुबेर से कम नहीं थे. पीयूष जैन को पुलिस पूछताछ के लिए अहमदाबाद ले जा सकती है.
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