बुखार के बढ़ते मामलों के बीच हैलट अस्पताल में कानपुर DM का औचक निरीक्षण

Nawab Ali, Last updated: Sat, 4th Sep 2021, 8:52 PM IST
  • कानपुर में तेज से बढ़ रहे वायरल बुखार को देखते हुए कानपुर के डीएम आलोक तिवारी ने शुक्रवार को हैलट अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान डीएम को पता चला कि यहां मरीज के घरवालों को बाहर से कुछ इंजेक्शन और महंगी दवाइयां लेनी पड़ रही हैं.
कानपुर में बुखार के बढ़ते मामलों के बीच डीएम ने हैलट अस्पताल का औचक निरक्षण किया.

कानपुर. यूपी में कोरोना से किसी तरह थोड़ी राहत मिली तो अब वायरल बुखार ने लोगों को अपना शिकार बनाना शुरू कर दिया. कानपुर में मामले तेजी के साथ बढ़ते जा रहे हैं. इसी को देखते हुए शुक्रवार को कानपुर जिला अधिकारी आलोक तिवारी ने अचानक निरीक्षण के लिए हैलट अस्पताल पहुंच गए. कानपुर डीएम आलोक तिवारी बच्चों के लिए बनाए गए पीकू वार्ड (Paediatric Intensive Care Unit) में गए और बच्चों की सेहत समेत सभी चीजों का जायजा लिया. इस दौरान डीएम ने इलाज करवा रहे बच्चों के माता-पिता से बातचीत भी की.

हैलट में डीएम आलोक तिवारी को एक आदमी के हाथ में मेरोपेनम नाम की इंजेक्शन की शीशी दिखी. पूछने पर आदमी ने बताया कि अस्पताल में साधारण दवाइयां तो मिलती हैं लेकिन एंटीबायोटिक, इंजेक्शन और महंगी दवाइयां नहीं मिलती. बीमार बच्चे के पिता ने ये भी बताया कि मेरोपेनम वॅायल बाहर से 385 रुपये में खरीद कर लाए हैं. इसके बाद कई मरीजों के अभिभावकों ने भी बाहर से इंजेक्शन और महंगी दवाइयां लाने की बात कही. इस दौरान डीएम ने अस्पताल के डॉक्टरों से भी सवाल जबाब किया. जिसके बाद प्राचार्य प्रो. संजय काला ने कहा कि हैलट में सभी दवाएं उपलब्ध है. सभी मरीजों को इंटेंड (मांग पत्र) भेजने पर दवाएं मिलती है. हालांकि हेड प्रो. यशवंत राव ने माना कि इंटेंड भेजने पर सभी दवाएं नहीं मिलती है.

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जांच के दौरान प्रो. संजय काला और हेड प्रो. यशवंत राव के बीच हल्की तीखी बहस भी हुई. प्रो. संजय काला इस मामले को सामने लाए जाने के कारण नाराज दिखे. वहीं हेड प्रो. यशवंत राव ने कहा कि दवा अस्पताल के मेन ड्रग स्टोर में भेजा जाता है. लेकिन डिमांड के दौरान फार्मासिस्ट मेरोपेनम इंजेक्शन का नाम काट देते हैं जिस कारण मेरोपेनम इंजेक्शन स्टोर में मुहैया नहीं हो पता है.

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